सोनाली ने कहा कि जब मुझे कैंसर डिटेक्ट हुआ, तो मेरे इनलॉज से लेकर हसबैंड सभी ने मेरा सपोर्ट किया। मुझे लगता है कि इस तरह की सिचुएशन में सबसे जरूरी यह है कि आपकी फैमिली सपोर्टिंग होने के साथ स्ट्रॉन्ग रहे। मेरे हसबैंड गोल्डी ने एक बात मुझसे कही ‘डील विद टुडेÓ, जिसने मुझे काफी स्ट्रॉन्ग बनाया। उन्होंने कहा कि सोनाली अभी आज को डील करो, फ्यूचर में क्या होगा, उसे बाद में देखेंगे।
‘सोनाली बुक क्लबÓ को लेकर हुई बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मुझे बचपन से ही बुक पढऩा पसंद है। मेरे पिता ट्रांसफरेबल जॉब में थे, तभी से ट्रैवल के दौरान मेरा बुक लव बढ़ा। मेरी लाइफ में मोटिवेट करने में भी बुक्स ने काफी मदद की। डिजीज के दौरान एक बुक से जुड़ा किस्सा मेरे लिए बेहद मार्मिक है। दरअसल इस दौरान मैंने और बेटे ने एक किताब को एक साथ पढ़ा। इस बुक को पढ़कर बेटे का इसे हम तीनों की लाइफ से रिलेट करना गोल्डी और मेरे लिए अलग अनुभव था। उस बुक की कहानी एक नन्हे ड्रमर के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसके भाई को कैंसर होता है। ये भी इत्तेफाक है कि मेरे बेटे को ड्रम प्ले करना बेहद पसंद है। जब एक दिन बेटे ने गोल्डी से यह बात कही कि अभी हम लोग बुरे दौर से गुजर रहे हैं, तो पता चला कि वो उसने उस बुक से हम लोगों की लाइफ को रिलेट कर रहा था। इस वाकये ने हम तीनों को बेहद इमोशनल कर दिया।
सोनाली ने कहा कि बच्चों को बुक रीडिंग हैबिट से जोडऩा चाहिए, लेकिन यह भी मॉनिटर करना चाहिए कि वो किस तरह की बुक पढ़ रहे हैं। अच्छा तो यह है कि हम बड़े उन्हें अच्छी बुक्स सजेस्ट करें। क्योंकि बुक्स हमें ब्रेवनेस, लॉयलटी जैसे कई चीजें सिखाती है।
सोनाली ने कहा कि कैंसर से लडऩे के बाद मेरी लाइफ के साथ हैशटैग जुड़ गया है, मुझे सोशल मीडिया पर लोगों का बहुत प्यार मिला है। इसलिए अब काफी पोस्ट करती हूं। इसके अलावा बच्चों के साथ रहना, गेम्स खेलने जैसी कई एक्टिविटीज में इनवॉल्व रहना भी अब मुझे काफी पसंद है।P