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जयपुर

मुश्किल से देख पाता था दुनिया का सबसे बड़ा पक्षी

हाथी पक्षी अन्य बड़े, उड़ने में असमर्थ पक्षियों, जैसे ऐमू और शुतुरमुर्ग के समान थे

जयपुरMay 05, 2024 / 05:24 pm

Shalini Agarwal

500 साल पहले तक मेडागास्कर में रहने वाला विशालकाय हाथी पक्षी 10 फीट ऊंचा और लगभग अंधा था

500 साल पहले तक मेडागास्कर में रहने वाला विशालकाय हाथी पक्षी 10 फीट ऊंचा और लगभग अंधा था

500 साल पहले तक मेडागास्कर में रहने वाला विशालकाय हाथी पक्षी 10 फीट ऊंचा और लगभग अंधा था

जयपुर। करीब 500 ​​साल पहले तक मेडागास्कर में रहने वाला एक 10 फुट लंबा पक्षी मुश्किल से देख पाता था और केवल रात में ही उड़ता था। शोधकर्ताओं ने इसके बारे में और अधिक जानने के लिए पक्षी के मस्तिष्क का पुनर्निर्माण किया। वे यह जानकर आश्चर्यचकित रह गए कि वह मुश्किल से देख पा रहा था। ये एलीफेंट बर्ड काफी बड़े, उड़ने में असमर्थ थे और अब के मेडागास्कर में रहते थे। निवास स्थान नष्ट होने और मानव हस्तक्षेप के कारण 500 से 1,000 साल पहले उनकी मृत्यु हो गई। टेक्सास विश्वविद्यालय के मुख्य शोधकर्ता क्रिस्टोफर टोरेस के मुताबिक, ‘मानव हजारों वर्षों तक हाथी पक्षियों के साथ रहते थे और यहां तक ​​कि उनका शिकार भी करते थे। लेकिन हम अभी भी उनके जीवन के बारे में व्यावहारिक रूप से कुछ भी नहीं जानते हैं। हम वास्तव में यह भी नहीं जानते कि वे कब और क्यों विलुप्त हो गए।’ वैज्ञानिकों ने पहले माना था कि हाथी पक्षी अन्य बड़े, उड़ने में असमर्थ पक्षियों, जैसे ऐमू और शुतुरमुर्ग के समान थे – ये दोनों दिन के दौरान सक्रिय होते हैं और इनकी निगाह भी तेज होती है लेकिन हाथी पक्षियों की जीवनशैली बिल्कुल अलग थी। शोध के निष्कर्ष जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसाइटी बी में प्रकाशित हुए हैं।
किया खोपड़ी का अध्ययन

दरअसल शोधकर्ताओं ने हाथी पक्षियों की दो प्रजातियों की खोपड़ी का अध्ययन किया। दो हाथी पक्षी की खोपड़ी के सीटी-इमेजिंग डेटा का उपयोग करके, शोधकर्ता एंडोकास्ट नामक डिजिटल मस्तिष्क पुनर्निर्माण किया। हाथी पक्षी की खोपड़ी के अलावा, शोधकर्ताओं ने हाथी पक्षी के जीवित और विलुप्त दोनों करीबी रिश्तेदारों के लिए एंडोकास्ट भी बनाया। दोनों हाथी पक्षियों की खोपड़ी में, ऑप्टिक लोब – मस्तिष्क तंत्रिकाओं का एक बंडल जो दृष्टि को नियंत्रित करता है – बहुत छोटा था, बड़ी प्रजातियों में यह संरचना लगभग अनुपस्थित थी।
कीवी से समानता

लोब में कीवी के साथ सबसे अधिक समानता थी। यानी ये भी कीवी की तरह खराब नजर वाले थे और रात में सक्रिय रहते थे। दृष्टि के अलावा, घ्राण बल्ब का एंडोकास्ट का निर्माण किया। यह मस्तिष्क का वह हिस्सा होता है जो गंध को पहचानने में मदद करता है। इसने भी उन आवासों पर प्रकाश डालने में मदद की जहां हाथी पक्षी रहते थे। हाथी पक्षी की दो प्रजातियों में से बड़े में एक बड़ा घ्राण बल्ब था, जो जंगल में रहने से जुड़ा एक लक्षण था। इसके विपरीत, छोटे हाथी पक्षी प्रजाति में एक छोटा घ्राण बल्ब होता था, जो संभवतः संकेत देता था कि यह घास के मैदानों में रहता था।

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