scriptSave the water: अगर पानी को है बचाना, तो गांव को होगा साथ निभाना | If water has to be saved, then the village will have to support | Patrika News
जयपुर

Save the water: अगर पानी को है बचाना, तो गांव को होगा साथ निभाना

जल जीवन मिशन ( Jal Jeevan Mission ) के तहत जिलों में कार्यरत क्रियान्वयन सहयोग संस्थाओं की सक्रिय भूमिका तय करने के साथ ही उनके कार्यों की नियमित मोनेटरिंग की जाएगी। जल जीवन मिशन ( save the water ) के तहत राज्य में 43,249 ग्राम जल स्वच्छता समितियों का गठन करने के साथ ही 42,574 गांवों का बेसलाइन डाटा तैयार किया जा चुका है।

जयपुरMay 26, 2022 / 10:40 am

Narendra Singh Solanki

NVDA will bear cost of releasing water

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जल जीवन मिशन के तहत जिलों में कार्यरत क्रियान्वयन सहयोग संस्थाओं की सक्रिय भूमिका तय करने के साथ ही उनके कार्यों की नियमित मोनेटरिंग की जाएगी। जल जीवन मिशन के तहत राज्य में 43,249 ग्राम जल स्वच्छता समितियों का गठन करने के साथ ही 42,574 गांवों का बेसलाइन डाटा तैयार किया जा चुका है। अतिरिक्त मुख्य सचिव पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण जल स्वच्छता समितियों के गठन के दायरे में 99.74 प्रतिशत गांवों को लाया जा चुका है, जिसे इस मायने में लगभग शत प्रतिशत माना जा सकता है, क्योंकि शेष रहे गांव लगभग शहरी क्षेत्र से जुड़ गए हैं। जन सहभागिता के लिए प्रदेश में 36,751 खातें खोले जा चुके हैं।
जल जीवन मिशन के तहत सभी 33 जिलों में क्रियान्वयन सहयोग संस्थाओं द्वारा बेसलाइन सर्वे, घरेलू स्तर के डेटा संग्रहण से लेकर जन सहभागिता, सहभागी ग्रामीण मूल्यांकन गतिविधियां, ग्राम कार्य योजना का निर्माण और ग्राम सभा से अनुमोदन के साथ ही जल का विवेकपूर्ण उपयोग, रखरखाव, प्रबंधन, आदि कार्यों के साथ—साथ अवेयरनेस कार्यक्रम चलाने की जिम्मेदारी भी है, ताकि पानी का सदुपयोग, जल बचत, स्वच्छता गतिविधियों आदि के लिए ग्रामीणों में अवेयरनेस पैदा की जा सके। जल एवं स्वच्छता सहयोग संगठन के कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आईएसए के कार्यों की साप्ताहिक मोनेटरिंग सुनिश्चित की जाए और प्रतिमाह प्रगति रिपोर्ट से राज्य सरकार को अवगत कराया जाएं। उन्होंने निर्धारित मापदण्डोें के अनुसार कार्य नहीं कर रही क्रियान्वयन सहयोग संस्थाएं अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने के निर्देश देते हुए स्पष्ट कहा कि अपटू द मार्क कार्य नहीं करने वाली आईएसए के कार्यों मेें अपेक्षित सुधार नहीं होने की स्थिति में उनके साथ अनुबंध समाप्त करने जैसे सख्त कदम उठाने को भी विवश होना पड़ेगा।

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