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जयपुर

महिला उकसाने वाली ड्रेस पहनती है तो यौन उत्पीड़न का मामला नहीं बनता

केरल के कोझिकोड जिले की अदालत ने छेड़छाड़ के मामले में 74 साल के आरोपी को अग्रिम जमानत देते हुए कहा कि अगर महिला उकसाने वाली ड्रेस पहनती है तो प्रथम दृष्टया आरोपी पर आइपीसी की धारा 354 के तहत यौन उत्पीड़न का केस नहीं बनता।

जयपुरAug 18, 2022 / 10:45 pm

Anand Mani Tripathi

women in Judiciary: उच्च न्यायालयों में कार्यरत 729 जजों में सिर्फ 96 महिला जज

women in Judiciary: उच्च न्यायालयों में कार्यरत 729 जजों में सिर्फ 96 महिला जज

केरल के कोझिकोड जिले की अदालत ने छेड़छाड़ के मामले में 74 साल के आरोपी को अग्रिम जमानत देते हुए कहा कि अगर महिला उकसाने वाली ड्रेस पहनती है तो प्रथम दृष्टया आरोपी पर आइपीसी की धारा 354 के तहत यौन उत्पीड़न का केस नहीं बनता। जज एस. कृष्णकुमार की इस टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो गया है। एक्टिविस्ट और लेखक सिविक चंद्रन पर 2 साल पूर्व एक लेखिका से छेड़छाड़ का आरोप लगा था।

जज ने कहा, चंद्रन ने जो तस्वीरें पेश की हैंए उनमें महिला की ड्रेस उकसाने वाली थी। यह विश्वास करना मुश्किल है कि 74 साल के विकलांग ने छेड़छाड़ की होगी। इस मामले को लेकर अब समाज में एक नई बहस छिड़ गई है। इसके निशाने पर एक बार फिर से महिलाओं द्वारा पहने जा रहे कपड़े आ गए हैं। एक तरफ जहां संविधान समानता का अधिकार देता है। ऐसे में अब फैसला और इस अधिकार के बीच अटकता हुआ दिखाई दे रहा है।

पूर्व जजों ने टिप्पणी पर जताई आपत्ति
कोर्ट की टिप्पणी पर महिला एक्टिविस्ट्स व पूर्व जजों ने आपत्ति जताई है। पीड़िता के करीबियों ने कहा कि यह हैरानी की बात है कि सोशल मीडिया की तस्वीरें कोर्ट में पेश की गईं। पीड़िता जल्द हाई कोर्ट का रुख करेगी।

कोर्ट का सवाल
अदालत ने सवाल उठाया कि इस मामले में एफआइआर दर्ज करने में देर क्यों हुई। घटना फरवरी 2020 की बताई जा रही हैए जबकि एफआइआर इस साल दर्ज हुई। शिकायत में पीड़िता ने बताया कि आरोपी लेखक ने जब सारी हदें पार कर दीं तो उसने शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया।

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