आपको बता दे प्रत्युषएक निजी स्कूल में 11 कक्षा के विज्ञान के विद्यार्थी. उनके पिता आशीष सुधाकर एचडीएफसी बैंक में मैनेजर हैं मां ममता सक्सेना दादाबाड़ी स्थित बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में फिजिक्स की व्याख्याता है . प्रत्युष बताते हैं कि वाहन चलाते समय नींद आने से होने वाली दुर्घटनाओं का आंकड़ा काफी बड़ा है, जो कि एक चिंता का विषय है. वाहन चलाने वाले पर वाहन में सवार शेष सवारियों की जिदंगियां किसी न किसी रूप में चालक की सुरक्षात्मक ड्राईविंग पर निर्भर करती है. लंबी दूरी तक ड्राइविंग करना, पूरी नींद व आराम नहीं लेना समेत अन्य कारणों से कई बार चालक को नींद आने लगती है और यह नींद स्वयं चालक के साथ अन्य पर भारी पड़ जाती है. सीआर आर आई (सेन्ट्रल रूट रिसर्च सेंटर) लखनऊ के एक सर्वे के मुताबिक 20 फीसदी सड़क दुघटनाएं वाहन चलाते समय नींद या झपकी लग जाने से हो जाती है. इसे देखते हुए प्रत्युष के मन में इस तरह का उपकरण बनाने का विचार किया .