scriptजेडीए के नियमों का हो रहा उल्लंघन, धड़ाधड़ खड़ी हो रहीं परेशानी की इमारतें | illegal construction held at prithviraj nagar jaipur | Patrika News
जयपुर

जेडीए के नियमों का हो रहा उल्लंघन, धड़ाधड़ खड़ी हो रहीं परेशानी की इमारतें

बायलॉज-रेरा सभी ताक पर, पार्किंग के बजाय बना रहे फ्लैट

जयपुरMar 30, 2019 / 12:24 pm

Mridula Sharma

prtihviraj nagar jaipur

जेडीए के नियमों का हो रहा उल्लंघन, धड़ाधड़ खड़ी हो रहीं परेशानी की इमारतें

जयपुर. राजधानी की नव विकसित कॉलोनियों में इन दिनों तीन मंजिला या इससे ज्यादा की इमारतें देखते ही देखते खड़ी हो रही हैं। छह माह से कम में ही इमारत बना दी जाती है। हालात ये हैं कि पार्र्किंग के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी जा रही बल्कि इस पर भी फ्लैट्स बनाकर बेचे जा रहे हैं। जिधर देखो उधर जेडीए के भवन विनियम का जमकर उल्लंघन हो रहा है। सेटबैक भी नहीं छोड़ा जा रहा है। कई जगह तो छत पर ही पेंट हाउस बनाकर बेचे जा रहे हैं। विनियमों के अनुसार पार्र्किंग न छोडऩा या छत पर पेंट हाउस बनाकर बेचना, दोनों ही अवैध हैं। पत्रिका ने उन लोगों से भी बात की जो अनजान जनता को मीठी-मीठी बातों में फंसाकर फ्लैट बेचने में लगे हुए हैं। टीम ने लिया शहर का जायजा
जनता परेशान, निर्माणकर्ता बेखौफ
सड़क तक कब्जा: निर्माण के दौरान मुख्य सड़क तक पर कब्जा कर लिया जाता है। कहीं ईंटें रखी हैं तो कहीं बजरी पड़ी है। ऐसे में लोगों को आने-जाने में दिक्कत होती है। पृथ्वीराज नगर की 150 से अधिक कॉलोनियों सहित शहर की अन्य नवविकसित कॉलोनियों में यही हाल है।
यातायात हो रहा प्रभावित: अधिकतर निर्माण 20 से 30 फीट चौड़ी सड़क पर हो रहे हैं। इन इमारतों में पार्किंग के लिए जगह नहीं छोड़ी जा रही है। जहां निर्माण खड़े हो गए हैं, वहां वाहनों को निकलने की जगह ही नहीं है।
जब रहते हैं तब चलता है पता: बिल्डर कम पैसों में ज्यादा स्पेस का लालच देकर ग्राहकों को फंसा लेते हैं। जब इनमें परिवार रहना शुरू कर देते हैं तो कार्यवाही कर पाना मुमकिन नहीं हो पाता। बातचीत के दौरान एक बिल्डर ने बताया कि पांच से सात लाख रुपए में पेंट हाउस बनकर तैयार हो जाता है, जबकि इसे 20 से 25 लाख में बेच दिया जाता है।
ब्रोकर बोले: उसकी चिंता मत करो, रहने तक गारंटी हमारी है
केस-1: कनकपुरा
रिपोर्टर: पेंट हाउस सस्ता क्यों है?
ब्रोकर: छत पर होने की वजह से, लेकिन इसके फायदे बहुत हैं।
रिपोर्टर: जेडीए तो इनको अवैध मानता है।
ब्रोकर: उसकी चिंता मत करो। रहने तक की गारंटी हमारी है।
रिपोर्टर: पानी की व्यवस्था?
ब्रोकर: बोरिंग है और सभी के अलग-अलग टैंक बने हुए हैं।
केस-2: पृथ्वीराज नगर
रिपोर्टर: इस बिल्डिंग में पेंट हाउस चाहिए?
ब्र्रोकर: इसमें नहीं हैं, फ्लैट ले लो। अभी खाली है।
रिपोर्टर: बैंक से लोन हो जाएगा?
ब्रोकर: वैसे तो नकद ही बेचते हैं, लेकिन फाइनेंस कम्पनी से करवा देंगे। बैंक लोन नहीं देती हैं।
रिपोर्टर: पेंट हाउस के बाहर छत का उपयोग कर सकते हैं क्या ?
ब्रोकर: फ्लैट्स में से तो कोई रोज आता नहीं है। ऐसे में पेंट हाउस में रहने वाले ही उपयोग करते हैं।
ऐसे निकाली बचने की गली
रेरा (रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण) दायरे में आने के लिए 500 वर्ग मीटर से ज्यादा क्षेत्र में निर्माण या 8 से ज्यादा फ्लैट्स का निर्माण होना चाहिए। शहर में इस वक्त तीन मंजिला निर्माण कर बिल्डर दोनों ही नियमों से बच रहे हैं।

Home / Jaipur / जेडीए के नियमों का हो रहा उल्लंघन, धड़ाधड़ खड़ी हो रहीं परेशानी की इमारतें

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो