जयपुर

राजस्थान के ये शख्स ‘जंगल के राजा’ के अंगों की करता है तस्करी, शेर के पंजे-नाखून-उंगलियां का मिले जा रहा ‘ज़खीरा’

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जयपुरJul 12, 2018 / 11:47 am

Nakul Devarshi

जयपुर।
‘जंगल के राजा’ शेर के अंगों की तस्करी का सनसनीखेज़ मामला सामने आने के बाद पुलिस तक हैरान है। गिरफ्त में आये शख्स से पूछताछ में कई चौंकाने वाली बातें निकलकर सामने आ रहीं हैं। पुलिस फिलहाल आरोपी तस्कर से उसके नेटवर्क का पता लगाने में जुटी हुई है।
 

दरअसल, माणक चौक थाना पुलिस की गिरफ्त में चल रहे आरोपी टोंक के निवाई निवासी अजीत कुमार गोखरू से पूछताछ चल रही है। पुलिस को अब उसके घर से शेर के सात नाखून और मिले हैं। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते पुलिस ने गोपालजी का रास्ता में शेर के पंजे, नाखून और अन्य सामान बेचने आए टोंक निवासी अजीत कुमार गोखरू को गिरफ्तार कर सामान जब्त किया था। उसने पूछताछ में महाराष्ट्र से शेर का पंजा डेढ़ लाख में और नाखून 20- 20 हजार में खरीदना बताया था।
 

संसारचन्द्र गिरोह से जुड़ा है आरोपी
दरअसल, वन्यजीव अंगों के तस्कर संसारचंद्र की मौत के बाद भी उसका गिरोह खत्म नहीं हो पा रहा। उसके गिरोह से जुड़ा एक तस्कर शेर के पंजे, नाखून और दूसरे कई अंग को लेकर टोंक से राजधानी जयपुर में बेचने के लिए आ गया था। ये बात तब सामने आई जब वन्यजीव अंगों को लेने वाला व्यापारी घबरा गया या फिर उसको उम्मीद नहीं थी कि शेर का पंजा होगा। उसने आए हुए व्यापारी को लौटा दिया, लेकिन तब तक पुलिस को इस बात की भनक लग गई।
 

राजधानी के माणक चौक थाना इलाके से पिछले दिनों एक वन्यजीव तस्कर अजीत कुमार को गिरफ्त में लिया गया था। आरोपी टोंक से बोलेरो में जानवरों के अंगों, पुरानी भारतीय मुद्रा और दूसरे एंटीक आइटम लेकर बेचने आया हुआ था। पुलिस ने उसको अदालत में पेश कर पांच दिन के पुलिस रिमांड पर लिया हुआ है। पूछताछ में वह ज्यादा कुछ नहीं बता रहा, लेकिन पुलिस का मानना है कि आरोपी संसारचंद्र के गिरोह में किसी से जुड़ा हुआ है। वन्यजीव अंगों की जांच के लिए इन्हें देहरादून फोरेंसिक लैब भेजा गया है।
 

तावीज बनाकर बेचता था
एसीपी बृजेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी अजीत कुमार गोखरू (48) टोंक में दूनी का रहने वाला है। अजीत कुमार दूनी कस्बे का प्रतिष्ठित व्यापारी है और आढ़त का काम करता है। कर्जा हो जाने के बाद से ही वह जानवरों के अंग लाकर उनके चांदी का लॉकेट या तावीज बनाकर बेचने का काम करता है। एेसा पिछले कई माह से करना बताया है।
 

पुलिस को सूचना मिली थी कि गोपाल जी के रास्ते में एक व्यक्ति जंगली जानवरों के अंग, जैसे पंजा, नाखून, बाल को बेचने आया है। सूचना पर पुलिस ने इलाके में छानबीन की तो एक बोलेरो में सवार आरोपी मिल गया।
 

सामान देख हैरान रह गई पुलिस
पूछताछ के बाद उसकी गाड़ी की जांच की गई तो उसके कब्जे से एक शेर का पंजा, शेर के पंजे का नाखून, शेर के बच्चे की अंगूली, 232 नकली चांदी के सिक्के, एंटीक ताश पत्ते, 5 से 20 रुपए के विशेष पुराने नोटों की 77 गड्डियां, 1950 की विदेशी करेंसी में 1950 का सौ रुपए का नोट, तांबे के छोटे बड़े सिक्के व गिन्नियां 1499, भारतीय और विदेशी 2057 सिक्के, चांदी जैसी धातु के 350 ग्राम सिक्के और गहने 350 ग्राम वजनी, सिंथेटिक जवाहरात के नगीने कुल पैकेट -7, और एक बोलेरो कार भी बरामद की है।
 

वन्यजीव तस्करी के मामले को लेकर पुलिस गंभीर
इस मामले को पुलिस काफी गंभीरता से ले रही है। थाना अधिकारी चेनाराम बेड़ा ने बताया कि आरोपी से पूछताछ कर पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह एंटीक वस्तुएं और वन्य जीव अंग कहां से लाया है। जयपुर में किसे सप्लाई के लिए जयपुर आया था। देशभर में बाघ और शेर के शिकार की सूचनाएं आती है, एेसे में यदि तस्करी हो रही है तो गंभीर मामला है।

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