scriptझील में पसरी हैं अवैध ट्यूबवैल की केबलें | Illegal tubewell cables are in the lake | Patrika News
जयपुर

झील में पसरी हैं अवैध ट्यूबवैल की केबलें

jaiकरंट नहीं लगे इसलिए दिन में काटी जा रही है बिजली

जयपुरNov 21, 2019 / 01:20 am

Ankit

झील में पसरी हैं अवैध ट्यूबवैल की केबलें

झील में पसरी हैं अवैध ट्यूबवैल की केबलें

जयपुर. सांभर झील में पक्षियों की मौत के मंजर के बीच भी ब्राइन (नमकयुक्त पानी) चोरी का पुराना खेल यथावत जारी है। मोहनपुरा, नावां झील क्षेत्र के समीप ब्राइन चोरी के लिए झील के पेटे में सैंकड़ों बोरवैल खोदे हुए हैं। झील विवाद के बाद भी इन बोरवैल पर प्रशासनिक अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। अपने बचाव के लिए अधिकारी किसी हादसे के डर से रोज दिन के समय यहां बिजली कटौती कर रहे हैं। पक्षियों की मौत के बाद अधिकारियों से लेकर मंत्री, एनजीओ और मीडिया टीमें मौके पर पहुंच रही हैंं। इन्हें करंट से बचाने के लिए ही यह बिजली कटौती की जा रही है। झील के बीचों-बीच किए गए इन बोरिंग के लिए चार-पांच किलोमीटर लंबी केबल बिछाई जाती है। इसी तरह लंबी पाइप लाइन से ब्राइन झील से अन्यत्र ले जाया जाता है। यह चोरी रोकने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) भी इन बोरवैल के कनेक्शन काटने के आदेश दे चुका है हालांकि इसका असर कभी देखने को नहीं मिला। झील में 3000 से ज्यादा बोरवैल होने का अनुमान है। खुलेआम इनके माध्यम से ब्राइन चोरी की जा रही है। पक्षियों की मौत का सिलसिला शुरू हुआ तो नमक का अवैध कारोबार करने वाले सतर्क हो गए। उनसे कहीं ज्यादा सतर्क हुआ स्थानीय प्रशासन। झील में हर कहीं अवैध तार बिछे हुए हैं। इस तथ्य को छिपाने के लिए दिन के समय बिजली काट दी जाती है। नावां क्षेत्र में ही बुधवार को पूरे दिन बिजली बंद रही।
बोरवैल से झील संकट में
झील के बीच खोदे गए कई बोरवैल से झील पर संकट गहराता जा रहा है। कभी यहां पचास फ ीट गहराई में पानी की उपलब्धता थी। पानी के अत्यधिक दोहन से जल स्तर चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है। वर्तमान में यहां चार से पांच सौ फ ीट गहरे बोरवैल हैं। इनसे रातदिन ब्राइन का दोहन हो रहा है। गिरते जल स्तर के कारण ही पास ही गांव वालों ने भी एनजीटी में अर्जी पेश कर ब्राइन दोहन पर रोक की मांग की थी।
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