वहीं प्रदेश में अगले दो दिन अंधड़ और मेघगर्जन के साथ बारिश का दौर शुरू हो सकता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार हिमालय तराई क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है जिसके असर से जम्मू कश्मीर,हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में बीते चौबीस घंटे में भारी बर्फबारी का दौर रहा है।
मैदानी इलाकों में दिन के तापमान में हो रही बढ़ोतरी से उत्तर पश्चिमी मैदानी भागों में उच्च वायुदाब क्षेत्र बनने पर पंजाब,हरियाणा, उत्तराखंड समेत प्रदेश के उत्तर पश्चिमी इलाकों में मेघगर्जन के साथ बारिश और ओलावृष्टि होने का अंदेशा है। कुछ इलाकों में तेज रफ्तार से धूलभरी हवाएं भी चलने का अनुमान है। बीते चौबीस घंटे में प्रदेश के कई इलाकों में छितराए बादल छाए रहे और बूंदाबांदी भी हुई। साथ ही जोधपुर,पिलानी,चूरू और माउंट आबू में बीती रात बौछारें गिरी। हालांकि ज्यादातर इलाकों में रात में तापमान सामान्य रहा।
फिर पलटा मौसम, बादल छाए हुई बूंदाबादी उदयपुर जिले में बुधवार सुबह से आसमान में बादल छाने के बाद रुक-रुक कर छींटे गिरे। हालांकि इससे सड़के गीली नही हुई लेकिन सुबह से आसमान से छींटे गिरने व ठंडी हवा के कारण वातावरण में ठंडक गुल गई। बारिश के छींटे गिरने से खेतों में गेंहू की फसल कही खड़ी है तो कही खेतो में फसल कटकर पड़ी होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है।
किसानों की चिंता बढ़ी नागौर जिले के गांवों में भी मौसम में बदलाव के बाद किसानों को फसलों की चिंता सता रही है। खेतों में रबी की फसलें पक रही हैं, किसान फसलों को काटने में जुटे हुए हैं, इस बीच आसमान में छाए बादलों ने किसानों की चिंता बढ़ा दी।
अलसुबह शुरू हुई बूंदाबांदी से रबी की जीरा, ईसबगोल, सरसों की फसलों को बड़ा नुकसान होने की आशंका है। गौरतलब है कि इस बार फरवरी माह में बार-बार मौसम पलटने एवं हल्की बारिश होने से रबी की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा था, इसके बावजूद किसानों ने उम्मीद नहीं छोड़ी और बची-कुची फसलों को समटने की तैयारी कर रहे थे, इतने में बुधवार सुबह बिगड़े मौसम ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। सुबह करीब दो घंटे तक हल्की बूंदाबांदी हुई। जिससे फसलों को काफी नुकसान हुआ है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जीरा की फसल में नुकसान सप्ताह भर बाद दिखाई देगा।