scriptRama Ekadashi 2020 श्रीकृष्ण—लक्ष्मी—तुलसी की पूजा और व्रत रखने का महत्व, जानें पद्म पुराण में क्या बताया इसका फल | importance and significance of rama ekadashi Laxmi Poojavidhi | Patrika News
जयपुर

Rama Ekadashi 2020 श्रीकृष्ण—लक्ष्मी—तुलसी की पूजा और व्रत रखने का महत्व, जानें पद्म पुराण में क्या बताया इसका फल

कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की एकादशी रमा एकादशी के रूप में जानी जाती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। इस बार यह एकादशी 11 नवंबर को है।

जयपुरNov 11, 2020 / 07:51 am

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rama ekadashi Laxmi Poojavidhi

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जयपुर. कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की एकादशी रमा एकादशी के रूप में जानी जाती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। इस बार यह एकादशी 11 नवंबर को है।
रमा एकादशी पर व्रत रखने और पूजन का बहुत महत्व है। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई के अनुसार मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से ब्रह्महत्या जैसे महापाप भी नष्ट हो जाते हैं। श्री पद्म पुराण में रमा एकादशी पर व्रत का महत्व बताते हुए इसकी कथा का वर्णन किया गया है। खासतौर से सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए यह व्रत लाभकारी माना गया है।

ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर बताते हैं कि रमा एकादशी पर स्नान के बाद व्रत रखने का संकल्प लें। भगवान कृष्ण की विधि-विधान से पूजा करें। पुरुषसूक्त या श्रीमद्भागवत का पाठ करें। भगवान को मिष्ठान्न का भोग लगाकर बांट दें। वैसे माखन—मिश्री का भोग अति उत्तम माना जाता है। शाम को भी श्रीकृष्ण की पूजा करें। रमा एकादशी व्रत कथा जरूर सुनें।
इस दिन तुलसी पूजन भी करें। माता तुलसी की परिक्रमा करना उत्तम कहा गया है। शास्त्रों में इस व्रत में तुलसी की पूजा की महिमा अधिक बताई गई है। उन्हें विष्णुप्रिया भी कहा गया है। रमा एकादशी के दिन रात में श्रीसूक्त पाठ करने से लक्ष्मीजी प्रसन्न होती हैं।
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