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जयपुर

राजस्थान उच्च न्यायालय के महत्वपूर्ण फैसलें

कनिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति देने पर नोटिस
वरिष्ठता को दरकिनार करने पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने मांगा जवाब
राज्य सरकार ने मांगी आरएएस मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने की मंजूरी

जयपुरJun 06, 2020 / 10:41 pm

KAMLESH AGARWAL

जयपुर।

राजस्थान उच्च न्यायालय ने ग्रेड तृतीय से वरिष्ठ अध्यापक के पद पर 3 वर्ष पहले पदोन्नति करने पर शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। धारा सिंह मीणा व अन्य के अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति तृतीय श्रेणी अध्यापक के पद पर जुलाई 2006 में हुई थी। लेकिन शिक्षा विभाग ने मार्च 2008 में नियुक्त होने वाले अध्यापकों को फरवरी 2017 से अध्यापक ग्रेड द्वितीय पद पर पदोन्नति दे रहा है। जबकि वे तीन साल ज्यादा वरिष्ठ है उनको पदोन्नति से वंचित किया गया। जिस पर न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार ने प्रमुख शासन सचिव शिक्षा विभाग जयपुर सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
वरिष्ठता को दरकिनार करने पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने मांगा जवाब

राजस्थान उच्च न्यायालय ने वरिष्ठता दरकिनार कर कनिष्ठ सहायक अभियन्ता को अधिशासी अभियन्ता के पद का कार्यभार दिए जाने पर ऊर्जा सचिव, अध्यक्ष डिस्काॅम एवं प्रबन्धक निदेशक जयपुर डिस्काॅम को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा। रूप सिंह गुर्जर एवं अन्य के अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल ने बताया कि की याचिकाकर्ता जयपुर डिस्काॅम में फीडर मैनेजर के रूप में कार्यरत थे राज्य सरकार ने सहायक अभियन्ता (विद्युत) के साथ सम्मिलित कर दिया गया। निगम प्रबन्धन द्वारा 2018 की सहायक अभियन्ता वरिष्ठता सूची में क्रमांक 55 से 59 नम्बर पर थे। निगम प्रशासन ने वरिष्ठता को दरकिनार कर वरिष्ठता क्रमांक 72 से 142 तक के 32 सहायक अभियन्ताओं को अभिशासी अभियन्ता का कार्यभार दिया है। जिस पर न्यायाधीश पंकज भण्डारी ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
राज्य सरकार ने मांगी आरएएस मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने की मंजूरी

आरएएस भर्ती -2018 की मुख्य परीक्षा के मामले में राज्य सरकार के कार्मिक विभाग ने राजस्थान उच्च न्यायालय में प्रार्थना पत्र दायर किया है। जिसमें परीक्षा का परिणाम जारी करने की अनुमति मांगी है। इससे पहले आरपीएससी ने भी अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर परिणाम जारी करने की अनुमति मांगी थी। उच्च न्यायालय में इन प्रार्थना पत्रों पर 10 जून को सुनवाई होने की संभावना है। राज्य सरकार के एएजी सत्येन्द्र सिंह राघव ने बताया कि अदालती आदेश की पालना में अधिक अंक वाले ओबीसी अभ्यर्थियों को ओपन कैटेगिरी के तहत मुख्य परीक्षा में शामिल कर लिया था। वहीं मुख्य परीक्षा की सभी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्याकंन हो चुका है। इसलिए सरकार में अफसरों की कमी को देखते हुए मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने की अनुमति देनी चाहिए ताकि भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।

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