डॉ. शर्मा ने कहा कि ब्लड कैंसर कई प्रकार के होते हैं ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और मल्टीपल मायलोमा। कुछ कैंसर आनुवांशिक होते हैं। अस्पताल में लिम्फोमा कैंसर के केस ज्यादा सामने आते हैं। यह ब्लड कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन आमतौर पर बुजुर्ग लोगों में ज्यादा होता है। ब्लड कैंसर होने पर कैंसर की कोशिकाएं व्यक्ति के शरीर में खून बनने नहीं देती, जिससे खून की कमी होने लगती है। इसके अलावा कैंसर व्यक्ति की बोन मैरो को भी नुकसान पहुंचाता है। डॉक्टर्स के अनुसार कैंसर से डरें नहीं, क्योंकि अब कैंसर के लिए बेहतरीन इलाज की सुविधा उपलब्ध है।
लक्षण ब्लड कैंसर से प्रभावित लोगों में बिना किसी कारण लंबे समय तक बुखार होना, फेफड़ों में संक्रमण, आंतों में संक्रमण, पेरिअनल इन्फेक्शन, ओरल कैविटी में इन्फेक्शन, असामान्य तरीके से मुंह, नाक या मसूड़ों से खून निकलना, त्वचा पर नीले या लाल चकते बनना, हीमोग्लोबिन कम होने के कारण, बहुत अधिक थकान या कमजोरी महसूस होना, हड्डियों में दर्द, शरीर में कहीं भी गले या पेट में गांठ बनना, लीवर-तिल्ली का साइज़ बढ़ जाना जैसे लक्षण आम हैं। कुछ महत्वपूर्ण जांच से ब्लड कैंसर का पता किया जा सकता है। प्रारंभिक चरण में ब्लड कैंसर की पुष्टि होने पर स्वस्थ होने की संभावना अधिक होती है।
उपचार कुछ कैंसर का केवल दवाओं से इलाज किया जाता है। कुछ कैंसर के लिए सिर्फ इम्यूनोथेरेपी या कीमोथेरेपी दी जाती है, ब्लड, प्लेटलेट्स, स्टेम सेल का प्रत्यारोपण किया जाता है। कुछ कैंसर में रेडियोथेरेपी भी दी जाती है। अब कुछ टार्गेटेड मेडिसिन भी हैं, जो विशेष म्युटेशन को टारगेट करती हैं।