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जयपुर

भारत दुनिया का सबसे समृद्ध देश इसीलिए बार-बार लूटा गया- केके पाठक

भारत दुनिया का सबसे समृद्ध देश रहा हैद्व यहां की संस्कृति, खान.पान, यहां का खगोल, गणित, आयुष,दर्शन सभी मायनों में भारत के मुकाबले दुनिया में दूसरा देश नहीं था इसीलिए इस देश को आक्रांताओं ने बार-बार लूटा।

जयपुरJun 24, 2022 / 04:38 pm

Rakhi Hajela

भारत दुनिया का सबसे समृद्ध देश इसीलिए बार बार लूटा गया- केके पाठक

भारत दुनिया का सबसे समृद्ध देश इसीलिए बार बार लूटा गया- केके पाठक

भारत दुनिया का सबसे समृद्ध देश इसीलिए बार बार लूटा गया- केके पाठक
संस्कृत अकादमी में विद्यार्थियों के लिए तीन दिवसीय संस्कार.संस्कृति शिविर आरंभ
जयपुर। भारत दुनिया का सबसे समृद्ध देश रहा हैद्व यहां की संस्कृति, खान.पान, यहां का खगोल, गणित, आयुष,दर्शन सभी मायनों में भारत के मुकाबले दुनिया में दूसरा देश नहीं था इसीलिए इस देश को आक्रांताओं ने बार.बार लूटा। गरीब और संस्कृति विहीन देश पर तो किसी ने आक्रमण नहीं किया। यह कहना था भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी केके पाठक का। शुक्रवार को झालाना स्थित अकादमी संकुल में शुरू हुए तीन दिवसीय संस्कार संस्कृति शिविर के उद्घाटन के मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हिन्दु धर्म नहीं है ये एक संस्कृति है। बहु संस्कृति वाद का भाव केवल हिन्दु धर्म में ही समाहित है। उन्होंने आज के परिवेश की व्याख्या करते हुए कहा कि आज व्यक्ति के मुख में गीता है और जीवन में महाभारत है। उत्सव धर्मिता हिन्दु संस्कृति की स विशेषता है यहां हर दिन कोई न कोई उत्सव और त्योहार होता है। इसलिए अपनी संस्कृति का सम्मान करना हमें सीखना चाहिए।
हर व्यक्ति के लिए उसका जीवन आईना- जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास
जस्टिव गोपाल कृष्ण व्यास ने अपने उद्बोधन में राष्ट्रए समाज और परिवार विषय पर अपने विचार रखते हुए कई रोचक उदाहरणों से कर्तव्य की महत्ता समझाई। उन्होंने कहा कि कोई भी काम छोटा नहीं होता। हर व्यक्ति का जीवन उसका दर्पण होता है जिसमें झांककर वो खुद का विश्लेषण कर सकता है।
राम नाम के अर्थ व्यापक हैं – पंकज ओझा
कला एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त सचिव पंकज ओझा ने राम नाम की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि राम केवल एक नाम ही नहीं है राम त्याग, मित्रता, समर्पण, भ्रात्र प्रेम, पित्र प्रेम, मित्र प्रेम और बंधुत्व की परिभाषा का प्रतीक है। राम ने शबरी के जूठे बेर खाकर जाति और उंच नीच के भेद को मिटाने की पहल की थी।
समारोह में विद्यार्थियों के बीच प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें विजेता रहे विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया जाएगा। विद्यार्थियों को करुणा संस्थान की ओर गिफ्ट हैम्पर भी दिए गए। कार्यक्रम का संचालन करुणा संस्थान की संयोजक डॉ.दीक्षिता पापड़ीवाल ने किया। संस्कृत अकादमी के निदेशक संजय झाला ने अतिथि वक्ताओं का अभिनंदन किया।
शिविर में शनिवार के कार्यक्रम
अकादमी संकुल में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत कला और संस्कृति विभाग, राजस्थान संस्कृत अकादमी, राजस्थान ललित कला अकादमी, राजस्थान सिंधी अकादमी एवं करुणा संस्थान की ओर से तीन दिवसीय संस्कार . संस्कृति शिविर का आयेाजन किया जा रहा है। शिविर में कक्षा 10 से स्नातक तक सरकारी/ निजी शिक्षण संस्थाओं में पढऩे वाले विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। शिविर के दूसरे दिन गीता और जीवन प्रबन्धन पर कृष्णपाद दास प्रभु, नैतिक मूल्य एवं चरित्र विषय पर शास्त्री कोसलेंद्र दास और आर्ट ऑफ लिविंग विषय पर एसपी पालीवाल विचार रखेंगे। शिविर का समय सुबह 9.30 बजे से 12.15 बजे तक रहेगा।

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