जीवनशैली बन गई योग
श्रुति का कहना है कि वे फस्र्ट ग्रेड से ही योगाभ्यास कर रही हैं। हाई स्कूल तक उन्होंने पाया कि उनके साथी छात्र-छात्राएं चिंता, थकान, अवसाद और अत्यधिक दबाव में नजर आते थे। लेकिन ध्यान और मनन करने के कारण वे हर प्रकार के दबाव और चिंताओं से मुक्त थीं। इसलिए उन्होंने योग और ध्यान को अपनी जीवनशैली बना लिया। इतना ही नहीं अपने दोस्तों की मदद करने के लिए उन्होंने उन्हें भी योग सिखाना शुरू किया।
सामान्य से अलग है स्पोट्र्स योग
श्रुति बताती हैं कि नियमित रूप से किए जाने वाले योग की तुलना में स्पोट्र्स योग काफी विस्तृत और गहराई लिए होता है। इसमें प्रत्येक चरण और प्रक्रिया को विस्तार से करना होता है। सामान्य योग बहुत आरामदायक और आसान होता है। लेकिन स्पोट्र्स योग में शारीरिक क्षमता, लचीलापन एवं संतुलन भी उतना ही जरूरी होता है जितना कि योग मुद्राएं और सांस लेने व छोडऩे की प्रक्रिया। स्पोट्र्स योग केवल व्यायाम नहीं है। इसमें योग काउंसिल के बनाए नियमों के तहत विभिन्न योगासन करने होते हैं।
छात्रों के लिए शुरू किया गो योगी
श्रुति का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में शिक्षा की कमी को देखते हुए उन्हें गो योगी का आइडिया आया। उन्होंने बताया कि अमरीका में छात्रों पर पढ़ाई को लेकर बहुत दबाव है। स्कूलों में उन्हें यह नहीं सिखाया जा रहा है कि इस तनाव, चिंता या अवसाद से कैसे निपटा जाए। मेरे आस-पास के लोगों को मैंने इस अनुभव से गुजरते देखा तो मैंने उनकी मदद करने की ठानी और गो योगी के जरिए एक खास योग कार्यक्रम बनाया।मैंने ऐसे आसान लेकिन प्रभावी योगाभ्यास के ऑडियो लैसन तैयार किए जो हर उम्र के व्यक्ति के लिए सही थे। इसमें शुरुआत में रोज ध्यान करने की आदत डालने से शुरुआत की। इससे लोगों को पूरा दिन काम करने का उत्साह और सटीकता आई। आज गो योगी के ऑडियो लैसन के रूप में हमारे पास हाई स्कूल के छात्रों के लिए एक प्रभावी पाठ्यक्रम है। इसमें अल्ज़ाइमर रोगियों के अलावा भारत में उदवम करंगल परोपकारी संगठन के छात्रों के लिए तमिल में भी ऑडियो पाठ हैं। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में मैं गो योगी के जरिए दुनिया भर के लोगों को अनुशासित जीवन जीने में मदद कर सकूंगी। श्रुति ध्यान के अब तक के छुपे लाभदायक रहस्यों से पर्दा उठाने के मकसद से न्यूरोलॉजिकल शोध भी करना चाहती हैं।