उत्तर पश्चिम रेलवे में 712 डिवायस
इसके साथ ही रेलवे घने कोहरे वाले रेलखण्डों में चलने वाली सभी रेलसेवाओं के लोको पायलट क्रू को फोग सेफ्टी डिवाईस उपलब्ध करा रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर 712 फोग सेफ्टी डिवायस क्रू लॉबी में उपलब्ध करवाये गए है। इसके अलावा 175 डिवायस और उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया जारी है।
इस डिवाईस को इंजन पर लगा दिया जाता है। यह ऑन होने के बाद जीपीएस प्रणाली द्वारा उस खण्ड में स्थित सभी सिग्नलों की स्थिति के बारे में लोको पायलट को पहले ही अवगत कराता रहता है। फॉग डिवाइस में सिग्नल से पहले स्टेशन और समपार फाटक का नाम और नंबर गूंजने लगता है। स्क्रीन पर रेल लाइन के आगे के सिग्नल, फाटक और स्टेशन भी दिखने लगते हैं। इससे पायलट अपनी गाड़ी की गति को नियंत्रित कर सरंक्षा करता है।
ट्रेन के सबसे पीछे लगने वाले कोच में लालबत्ती की जगह फ्लैशिंग टेल लैंप लगने लगे हैं। रेललाइनों पर पटाखों का चूने की मार्किंग का प्रयोग होने लगा है। लाइन के किनारे खंभों पर रेट्रो रेट्रो रिफ्लेक्टर स्ट्रिप भी लगने लगे हैं। कोहरे वाले रेलखण्ड के स्टेशनों, समपार फाटकों एवं पूर्व चिन्हित जगहों पर डेटोनेटर (पटाखे) की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। संकेतको की दृष्यता ठीक से दिखे इसके लिए पेटिंग और चमकीले साईन बोर्ड तथा संकेतको के पास गिट्टियों को चुने से रंगा गया है।
उत्तर पश्चिम रेलवे कोहरे के मौसम में रेल यात्रियों की संरक्षा एवं सुरक्षा हेतु कटिबद्ध है। कोहरे की अधिकता वाले रेलखण्डों में गाडियॉ देरी से संचालित हो सकती है। अतः यात्रा शुरू करने से पूर्व रेलवे की अधिकृत वेबसाईट www.indianrail.gov.in या फिर NTES पर अपनी ट्रेन की वर्तमान स्थिति देखकर ही स्टेशन पर जाएं और असुविधा से बचें।