इसके बावजूद भी रेलवे उनमें स्लीपर व एसी श्रेणी में आरक्षित टिकटों की दनादन बुकिंग कर रहा है। हैरानी की बात है कि इन टिकटों के ऑटोमेटिक निरस्त होने पर पूरा रिफंड देने की बजाय चार्ज वसूला जा रहा है। इससे यात्रियों को दिक्कत हो रही है। उनका कहना है कि अगर यात्री टिकट निरस्त कराए तो चार्ज वसूलना वाजिब है लेकिन ऑटोमेटिक निरस्त होने पर उसे पूरा रिफंड मिलना चाहिए।
ज्यादातर करवा रहे ई.बुकिंग रोजाना रद्द करवा रहे टिकट ज्यादातर यात्री ई.बुकिंग कर रहे हैं। टिकट निरस्त होने पर उन्हें राशि में कटौती होकर शेष राशि रिफंड हो जाती है। इधर, उत्तर पश्चिम रेलवे के आरक्षण केंद्रों पर रोजाना 25 लाख रुपए तक टिकट बुक हो रहे हैं। रोजाना 4 से 5 लाख रुपए के टिकट रद्द कराए जा रहे हैं।
बंद हो 50 फीसदी से ज्यादा बुकिंग दैनिक यात्री संघ एकीकृत के अध्यक्ष अशोक वासदेव का कहना है कि रेलवे प्रशासन कमाई के चक्कर में जानबूझकर 50 फीसदी से ज्यादा बुकिंग चालू रखता है। यह मनमानी है। मंत्रालय को इसपर रोक लगाने के लिए पत्र लिखेंगे।
ये वसूल रहे चार्ज एसी श्रेणी में यात्री कंफर्म टिकट निरस्त करवाने पर रेलवे 180 से 240 रुपए तक काटता है। स्लीपर श्रेणी में 120 रुपए कटौती होती हैए लेकिन वेटिंग या आरएसी टिकट होने पर कैंसिलेशन चार्ज फ्लैट 60ए एसी श्रेणी में 65 रुपए कटौती कर रहा है।
नाकाफी इंतजाम रेलवे ट्रेनों में अतिरिक्त कोच जोड़ रहा है जो नाकाफी साबित हो रहे हैं। इतना ही नहीं रेलवे ने त्योहार स्पेशल ट्रेनें भी नहीं चलाई हैं। इस कारण वेटिंग बढ़ रही है।