पाकिस्तान की आतंकी हरकतों के कारण बालाकोट पर भारतीय सेना की एयर स्ट्राइक के दौरान इस तरह के सिस्टम की जरूरत ज्यादा महसूस की गई। यही वजह है कि इस स्ट्राइक के बाद बहुत तेजी से इस अमरीकी सिस्टम को अपनाने की प्रक्रिया में तेजी आई। पहली बार डिफेंस एक्सपो 2020 में ISTARके पोस्टर लगाए गए थे। इस समय दुश्मन की निगरानी रखने के लिए भारतीय वायसेना नेत्र सिस्टम प्रयोग कर रही है लेकिन ISTAR सिस्टम नेत्र से बहुत आगे और एक साथ कई मोर्चों पर काम कर सकता है।
ये बनाई जाएंगी पांच कमान
देश में इस समय सेना की सात, वायुसेना की सात और नौसेना की 3 कमान हैं। इसके अलावा अंडमान निकोबार में ट्राई सर्विस कमान है और परमाणु कमान को लेकर देश में कुल 19 कमान हैं। इन्हें अब पांच थियेटर कमान में बदलने की तैयारी है। पाकिस्तानियों से निपटने के लिए जयपुर में पश्चिमी कमान बनाई जाएगी। इसके अंतर्गत थल सेना की चंडीगढ़, जयपुर, पुणे और वायुसेना की पालम और गांधीनगर की कमान आएगी।
उत्तरी कमान —लखनऊ
पश्चिमी कमान— जयपुर
प्रायद्वीपीय कमान— तिरुवंतपुरम
हवाई रक्षा कमान— इलाहाबाद
समुद्री रक्षा कमान— करवार शांति काल का भी अग्रदूत
ISTAR रोजमर्रा की परेशानियों में काम आएगा। किसी भी प्राकृतिक आपदा, बाढ या फिर भूकंप जैसी स्थितियों में भी यह पूरी तरह जगह की निगरानी और उसके अनुसार सहायता उपलब्ध कराने की जरूरत को तुरंत पूरा किया जा सकता है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय सीमा और समुद्र करते हुए किसी भी घुसपैठ पर पूरी नजर रखी जा सकती है।