मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र से मदद मांगी है। आपको बता दें कि राजस्थान में मई महीने में सीमावर्ती जिलों में टिड्डी दलों की घुसपैठ शुरू हुई थी जो कि तब से लगातार बनी हुई है। टिड्डी दलों के झुंड खेतों पर हमला बोलकर लगातार फसलों को चट कर रहे हैं। कई जिलों में खेतों के अंदर और उपर टिड्डी दल ही दिखाई दे रहे हैं। राजस्थान में टिड्डी दलों की यह घुसपैठ पाकिस्तान से हो रही है। आपको बता दें कि पिछले चार महीनों से राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, जालौर, चूरू, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में टिड्डियों का प्रकोप है। इस पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार की ओर से केन्द्र सरकार के टिड्डी चेतावनी संगठन के सहयोग से लगातार कार्यवाही की जा रही है। लेकिन कुछ दिनों से पाकिस्तान की ओर से टिड्डी के नए स्वार्म और हॉपर्स के सीमा पार कर आ जाने से जैसलमेर, बीकानेर और जोधपुर जिलों में टिड्डी का प्रकोप ज्यादा बढ़ गया है।
फसलाें काे हाे रहा है नुकसान
इससे फसलों को नुकसान होने की आशंका बनी हुई है। टिड्डी प्रकोप पर नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार से अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ने केन्द्र से मांग की है कि टिड्डियों के आतंक को खत्म करने के लिए नए दवा छिड़काव यंत्रों, मानव संसाधन और दवा के हवाई छिड़काव के लिए सुविधाएं मुहैया करवाने की मांग की है।
राजस्थान में अब तक इतना सर्वेक्षण
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में अब तक कुल 5 लाख 7 हजार 885 हैक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी के लिए सर्वेक्षण किया जा चुका है। करीब 1 लाख 50 हजार 892 हैक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण की कार्यवाही की गई है। राजस्थान में टिड्डी हमलों को रोकने के लिए सरकार ने टिड्डी चेतावनी संगठन के पास उपलब्ध 17 वाहनों के अतिरिक्त उसे 37 नियंत्रण वाहन भी उपलब्ध करवा रखे हैं। टिड्डी नियंत्रण के लिए कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए सरकार किसानों को अनुदान राशि भी उपलब्ध करवा रही है।