मुख्य सचिव ने कहा कि देश-प्रदेश ही नहीं बल्कि दुनिया में कहीं भी किसी व्यक्ति को खाना नहीं मिलना अमानवीयता है। उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लेते हुए समस्या के कारणों को पहचान कर कार्य करने को कहा। आर्य ने राजस्थान में इस संबंध में किए जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य सरकार हर व्यक्ति को गुणवत्तायुक्त खाना उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने अभिनव पहल करते हुए ‘इन्दिरा रसोई योजना’ के माध्यम से शहरों में जरूरतमंद लोगों को बेहद कम कीमत पर गुणवत्ता वाला अनुदानित भोजन मुहैया कराना सुनिश्चित किया है। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली, स्कूलों में मध्याह्न भोजन तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों को पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्य सचिव आर्य ने वर्तमान में विभिन्न खाद्य कार्यक्रमों के माध्यम से उपलब्ध कराए जा रहे खाद्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और दूसरे राज्यों से आने वाले जरूरतमंद लोगों जैसे विशेष समूहों को इन कार्यक्रमों में शामिल करने के सुझाव दिए। उन्होंने राज्य में एनिमिक समस्या को चुनौती बताते हुए विशेष फोकस करने पर जोर दिया।
भारत में डब्ल्यूएफपी के प्रतिनिधि बिशो पाराजुली ने राज्य सरकार की ओर से खाद्य एवं पोषण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उप निदेशक श्री इरिक केनफिक ने विस्तृत प्रस्तुतीकरण देेते हुए राज्य स्तरीय चुनौतियों, न्यू ग्लोबल स्ट्रेटजिक प्लान (2022-25), कंट्री स्ट्रेटजिक प्लान (2019-23) एवं स्टेट पार्टनरशिप के संबंध में जानकारी दी।