पायलट प्रकरण में प्रार्थना पत्र की प्रति पक्षकारों को देने के निर्देश
पायलट प्रकरण में प्रार्थना पत्र की प्रति पक्षकारों को देने के निर्देश
जयपुर।
राजस्थान हाईकोर्ट ने विधायक पीआर मीना के नाम से दर्ज याचिका में दायर प्रार्थना पत्र की प्रति सभी पक्षकारों को देने के निर्देश दिए हैं। जिस पर अब 2 दिसंबर को सुनवाई होगी। विधायक पीआर मीना सहित 18 विधायक जिसमें पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी शामिल है उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की ओर से जारी किए गए नोटिस को चुनौती दी थी। मामले में पक्षकार बनाए गए मोहनलाल नामा ने प्रार्थना पत्र दायर कर कहा है कि याचिका सारहीन हो गई है इस वजह से इसका निस्तारित या खारिज किया जाना चाहिए।
मामले में अदालती आदेश पर बने पक्षकार नामा ने कहा कि ये राजनैतिक मामला था और दोनों ही पक्षों के बीच अब विवाद समाप्त हो गया है। इसके अलावा याचिकाकर्ताओं ने सरकार के पक्ष में मतदान भी कर दिया है। ऐसे में अब सभी याचिकाओं को भारी हर्जाने के साथ खारिज किया जाना चाहिए। दूसरी ओर महाधिवक्ता ने प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा कि खण्डपीठ ने इस मामले को संविधान की अनुसूची 10 सहित दो कानूनी बिंदू को तय करने के विचारार्थ रखा हुआ है। ऐसे में कानूनी बिंदूओं पर फैसला नही होने तक याचिका का निस्तारण नहीं किया जाना चाहिए। वहीं सुनवाई के दौरान स्पीकर सहित अन्य पक्षकारों की ओर से प्रार्थना पत्र की प्रति नही मिलने की बात कही गयी। जिस पर न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि जब दोनों पक्ष एक हो गए हैं तो अब इस याचिका में क्या बचा है। कोर्ट ने सभी पक्षकारों को प्रार्थना पत्र की प्रति देते हुए सुनवाई के लिए दो दिसंबर की तारीख तय की है।
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