शहर में पीएम 2.5 मॉनिटर,ए यूवी विजिबल स्पेक्ट्रोमर्स, आईसीपी एमएस मशीनों के लिए एयर क्वॉलिटी मॉनटरिंग होगी। इससे हवा में पीएम 2.5, 10, सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाई आक्साइड के साथ साथ पर्यावरण के साथ साथ इंसानों के नुकसान पहुंचाने वाले खतरनाक तत्व लेड, निकल, आर्सेनिक, बैरियम, आयरन, स्ट्रोनियम की मात्रा भी पता चलेगी।
आपको बता दें कि जयपुर शहर के अलावा जोधपुर, कोटा, उदयपुर, अलवर, भरतपुर, भिवाड़ी और चित्तौडग़ढ़ में भी दो दो स्थानों पर 2 अक्टूबर से 3 नवंबर तक स्पेशन एयर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग होगी और जिसकी रिपोर्ट 15 अक्टूबर बाद आएगी।
आईक्यू एयर विजुअल और ग्रीनपीस की ओर से जारी विश्व के सबसे प्रदूषित टॉप 50 की सूची में प्रदेश के तीन शहर भी शामिल हैं। गुरूग्राम दुनिया में प्रदूषित के मामले में टॉप पर रहा है। इस सूची में जयपुर का 37वां स्थान है। हालांकि 2017 के मुकाबले गुलाबी शहर में प्रदूषण की स्थिति में सुधार तो हुआ है लेकिन 2018 में एक भी महीना ऐसा नहीं गुजरा जब प्रदूषण का स्तर हेल्थी कंडीशन में रहा हो। जयपुर में पिछले साल जनवरी से दिसम्बर तक 2.5 पीएम पर्टिकुलेट मैटर कणों का औसत स्तर 67.6 रहा। सबसे प्रदूषित 50 शहरों की सूची में जयपुर के अलावा जोधपुर, पाली में भी शामिल है।
रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में जयपुर में सबसे ज्यादा प्रदूषण जून और जनवरी में रहा। जनवरी में पीएम 2.5 कणों का स्तर 100.8 और जून में 106.7 दर्ज हुआ। सबसे कम प्रदूषित महीना अगस्त.सितम्बर रहा। इन दोनों माह में प्रदूषण स्तर 39 से 40.6 दर्ज हुआ।