जयपुर

राजस्थान में अब तक की सबसे बड़ी इनकम टैक्स रेड, सुरंग में मिले 17 बोरे, 1400 करोड़ की अघोषित आय उजागर

जयपुर के तीन बड़े कारोबारी समूहों पर आयकर कार्रवाई में कुल 1400 करोड़ रुपए की अघोषित आय उजागर हुई है। यह राजस्थान की सबसे बड़ी और देश की तीसरी सबसे बड़ी इनकम टैक्स रैड साबित हुई है।

जयपुरJan 22, 2021 / 10:13 am

santosh

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
जयपुर। शहर के तीन बड़े कारोबारी समूहों पर आयकर कार्रवाई में कुल 1400 करोड़ रुपए की अघोषित आय उजागर हुई है। यह राजस्थान की सबसे बड़ी और देश की तीसरी सबसे बड़ी इनकम टैक्स रैड साबित हुई है। विभाग की ओर से यह कार्रवाई दो बिल्डर और एक ज्वैलरी समूह पर की गई, जिसके लिए उसे बड़ी मशक्कत करनी पड़ी। एक बिल्डर के मानसरोवर स्थित कार्यालय के बेसमेंट में भरी मात्रा में गुलाबी रंग की पोटलियां मिली हैं, जिनमें प्रॉपर्टी में निवेश की बेनामी संपत्तियों के खरीदी संबंधी दस्तावेज मिले । वहीं एक ज्वैलरी व्यवसायी के घर पर आयकर विभाग को एक सुरंग मिली है, जिसमें 17 बोरे आर्ट ज्वेलरी व एंटीक सामान और लेनदेन व संपत्तियों के दस्तावेज मिले है। इस ज्वैलरी व्यवसायी के यहां 550 करोड़ रुपए का अघोषित लेनदेन का पता चला है।
ब्याज से बेहिसाब कमाई
वहीं करीब सवा सौ करोड़ रुपए का ऋण बाजार में देकर ब्याज के रूप में बड़ा मुनाफा कमाने की बात सामने आई है। प्रत्येक आइटम पर उल्लेखित अल्फा-न्यूमेरिक सीक्रेट कोड में वास्तविक बिक्री मूल्य लिखा था। टीम कोड को फ्रैक करने पर काम कर रही है। गुफा से दो हार्ड-डिस्क और पेन-ड्राइव भी मिलीं, जिनमें कोडित रूप में विभिन्न वस्तुओं का विवरण था। जौहरी समूह ने विभिन्न व्यक्तियों को बेहिसाब नकद ऋण दिया था। उसी पर बेहिसाब ब्याज भी कमाया है। समूह ने अपने कर्मचारियों और कारीगरों के बैंक खातों के माध्यम से इसे बेहिसाब नकद आय भी पेश की थी।
650 करोड़ रुपए का अघोषित लेनदेन
इसी तरह एक प्रमुख बिल्डर और कॉलोनाइजर पर आयकर पड़ताल में बेहिसाब रसीदें, अघोषित संपत्तियों की डिटेल, नकद ऋण और एडवांस के अलावा लेनदेन का रिकार्ड जब्त किया गया। इस समूह की कुल बेहिसाब लेनदेन 650 करोड़ रुपए विभाग ने आंका है।
25 करोड़ के लेनदेन का पता चला
तीसरा समूह में जयपुर का एक बिल्डर और डवलपर है जो फार्म हाउस, टाउनशिप और आवासीय एन्क्लेव डवपलमेंट में लगा है। सर्च ऑपरेशन से पता चला है कि इस समूह ने एयरपोर्ट प्लाजा में एक रियल-एस्टेट परियोजना को संभाला था। केवल खाते की पुस्तकों में 1 लाख दर्शाया था, जबकि परियोजना से संबंधित बैलेंस शीट में 133 करोड़ रुपए के लेनदेन का पता चला। इस प्रकार अब तक 25 करोड़ रुपए के कुल बेहिसाब लेनदेन का पता चला है।
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