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हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी फैली भ्रष्टाचार की जड़

locationजयपुरPublished: Feb 19, 2020 09:07:39 pm

Submitted by:

Mukesh Sharma

परिवहन विभाग में रिश्वत में बंधी प्रकरण: दलाल बंटी कई राज्यों के कई परिवहन अधिकारियों के संपर्क में था, कई और अधिकारियों के नाम आने की आशंका

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जयपुर. परिवहन विभाग में रिश्वत में बंधी का खेल राजस्थान ही नहीं हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ तक फैला हुआ है। एक दलाल इन राज्यों के ट्रांसपोर्टरों के संपर्क में था, जो अधिकारियों के लिए बंधी जुटाता था। एसीबी सूत्रों के मुताबिक फरार योगेश कुमार उर्फ बंटी के सर्विलांस पर रखे गए मोबाइल और उसकी पत्नी ममता से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है। बंटी कई साल से पड़ोसी राज्यों के कई परिवहन अधिकारियों के लिए बंधी में दलाली का काम करता था। उधर, विभाग में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की कार्रवाई को लेकर घमासान मचा है। विभाग के 8 अधिकारियों की गिरफ्तारी होने के बाद प्रकरण में 34 लोगों को नामजद करते हुए एफआइआर दर्ज की गई। इससे अन्य अधिकारियों के नामों का खुलासा नहीं होने पर कुछ अधिकारियों में एसीबी कार्रवाई का भय चल रहा था। अन्य नाम भी सामने आए हैं, जिनकी अनुसंधान के लिए एसीबी को तलाश है।
एफआइआर में ये और नामजद

जयपुर में परिवहन निरीक्षक बाबूलाल मीणा, राजकुमार सिंह, अमृतपाल, मुकुंद राठौड़, एसके शर्मा, चैतन्य सहाय माथुर, राजीव जैन, सुखवीर चौधरी, दूदू परिवहन निरीक्षक अलीम खान, कोटपूतली का संदिग्ध कर्मचारी कल्याण, सीकर/चौमूं का जगदीश, शाहजहांपुर का राजेश, रवि, बहरोड़ में गार्ड जसवंत, जयपुर का मुकेश, गिरवर, श्योजी गढ़वाल, रेवाड़ी निवासी योगेश कुमार उर्फ बंटी, राजेन्द्र सिंह उर्फ राजू और अन्य संबंधित लोकसेवक व निजी व्यक्तियों को भी बंधी प्रकरण में नामजद किया है।
एसीबी के समक्ष कबूला

शाहजहांपुर डीटीओ गजेन्द्र सिंह, चौमूं डीटीओ विनय बंसल, मुख्यालय डीटीओ महेश शर्मा, परिवहन निरीक्षक शिवचरण मीणा, उदयवीर सिंह, आलोक बुढ़ानिया, नवीन जैन, रतन लाल और दलाल बस संचालक गोल्ड लाइन ट्रांसपोर्ट कम्पनी के (दलाल) जसवन्त सिंह यादव, विष्णु कुमार-तनुश्री लॉजिस्टिक, ममता पत्नी योगेश कुमार उर्फ बन्टी-तनुश्री लॉजिस्टिक, मनीष मिश्रा-तनुश्री लॉजिस्टिक, रणवीर, पवन उर्फ पहलवान और विष्णु कौशिक को गिरफ्तार किया जा चुका है। एसीबी के डीजी आलोक त्रिपाठी ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने एसीबी द्वारा जुटाए गए सबूत सही होना स्वीकार कर लिया है।
अधिकांश अधिकारी नहीं आए

वहीं, एसीबी में 34 लोगों को नामजद करते हुए मामला दर्ज होने का पता चलने के बाद बुधवार को परिवहन विभाग में कई अधिकारी और कर्मचारी नहीं आए। हालांकि मंगलवार तक यहां अधिकारी और कर्मचारियों की दफ्तर में अच्छी संख्या थी।
जसवंत से मिले 8 मोबाइल

एसीबी गिरफ्तार सभी आरोपियों को गुरुवार को कोर्ट में पेश करेगी।एसीबी को अब तक की पड़ताल में अकेले दलाल जसवंत से 8 मोबाइल मिले हैं। गिरफ्तार कुल 15 लोगों से 25 मोबाइल, 2 लेपटॉप, हिसाब की कई डायरियां व अन्य सामान मिला है।
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