तीन चार घंटे तक घूमाते रहे एसीपी महेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि पिता की रिपोर्ट पर आरोपियों का तकनीकी के आधार पर पीछा किया। अजमेर रोड और जयङ्क्षसहपुरा के आस-पास आरोपी फिरौती की रकम लेने के लिए पिता को घूमाते रहे। पिता के साथ पुलिस टीम भी थी। आरोपियों को पकड़ा गया तो पता चला कि अपहरण की साजिश विकास ने ही रची थी। इस पर विकास और उसके केकड़ी निवासी साथी यादराम गुर्जर और लोकेन्द्र सिंह राठौड़ को पड़ताल के बाद गिरफ्तार कर लिया।
उधारी चुकाने के लिए रची साजिश पूछताछ में आरोपी विकास ने बताया कि वह बैंक के क्रेडिट कार्ड बनाता है। चार पांच लोगों से करीब 60-70 हजार रुपए उधार कर लिए थे। उधार रुपए देने वाले अब रकम वापस मांग रहे थे। पिता से रुपए मांगे तो उन्होंने दिए नहीं। तब पिता से रुपए लेने के लिए अपहरण की साजिश रची।