एसीबी सूत्रों के मुताबिक रिश्वत की राशि की बातचीत करने के लिए दो अधिकारी, दो दलाल और परिवादी के बीच एक पांच सितारा होटल में बातचीत भी हुई। परिवादी पक्ष के प्रतिनिधि और दलाल सुबेन्दु घोष के बीच हुई बातचीत के अंश
दलाल: डिलेवरी कर रहे हो…50 करो…10 ही क्यों कर रहे हो
परिवादी प्रतिनिधि: 50 बहुत बड़ी रकम है…10 दे देंगे
दलाल: पूछ लो, फिर कितनी देर में डिलेवरी करोगे
प्रतिनिधि: सोमवार को तैयारी कर लो…बातचीत होने के बाद नीचे आते ही गाड़ी में रखे पैसे दे देंगे
दलाल: विश्वास तो करना होगा…डिलेवरी पहले करनी होगी
प्रतिनिधि: इतनी बड़ी रकम है, एक बार संबंधित अधिकारी रुपए की बातचीत नहीं कर इतना दिलासा दे दे कि घोष से बात हो गई
दलाल: हम काम कर रहे हैं, एक दूसरे का विश्वास करना होगा…ऐसा करेंगे…दोनों पक्ष का एक-एक आदमी गाड़ी में होगा…लेकर नहीं भाग जाएंगे
प्रतिनिधि: इतनी बड़ी डील हो रही है… इसमें मछली का तड़का लगा रहे हैं। मच्छर की बात पर विश्वास कर रहे हो
दलाल: मेरा रोल इतना है कि दोनों तरफ से मुझ पर विश्वास कर रहे हैं। काम चाहते हैं, अपना काम होना चाहिए…आपकी बात रखी…टोकन तो लेंगे
प्रतिनिधि: पैसे लेकर मना करेगा… अभद्र भाषा बोलते हुए…बस इतना ही तो कहना है…घोष से बात हो गई
दलाल: जिस पोस्ट की बात कर रहे हो…उस पोस्ट पर हर कोई जाकर बात नहीं कर सकता
प्रतिनिधि: प्रधानमंत्री से तो बड़ा नहीं है…प्रधानमंत्री ही लोगों से मिलते हैं… यह डिपार्टमेंट जनता के लिए बना है
दलाल: सुबह मुंह दिखाई और फिर शाम को लड्डू दिखा देना
प्रतिनिधि: अधिकारी के लिए… बस वह इतना सा कह दे… घोष से बात हो गई
दलाल: इतना बड़ा काम करवा रहा हूं… कब तक इसे रोक कर रखूंगा, मुझ पर विश्वास करना पड़ेगा…सबसे छोटा टोकन है…एन्ट्री तो टोकन के बाद ही मिलेगी