जयपुर में 13 मई, 2008 को सिलसिलवार बम धमाके हुए थे। इनमें 71 लोग मारे गए थे। साथ ही 185 लोग घायल हो गए थे। हमेशा शांत माने जाने वाले जयपुर में 13 मई को लगातार हुए बम धमाकों ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इन विस्फोटों को जयपुर शहर के परकोटा में विभिन्न इलाकों में साइकिलों के जरिये अंजाम दिया गया था। जयपुर को दहलाने वाले बम धमाकों के मास्टर माइंड आतंकी तौकीर उर्फ अब्दुल सुभान को दिल्ली में शनिवार रात अरेस्ट किया गया है। राजस्थान के इस गुनहगार को पूछताछ के लिए जयपुर लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। एटीएस की टीम आज उसे प्रोटेक्शन वारंट पर लेने के लिए दिल्ली रवाना हो गई है। कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसे बुधवार रात तक जयपुर लाया जा सकता है। एटीएस अफसरों की मानें तो तौकीर का राजस्थान से पुराना कनेक्शन है। साल 2005 से 2007 के बीच वह कई बार राजस्थान आया था। वह प्रतिबंधित संगठन सिमी का टॉप लीडर रह चुका है और उसके बाद वह इंडियन मुजाहिद्दीन में घुसा और वहां पर फाउंडर के रूप में काम करने लगा।
जयपुर बम धमाकों के बाद दो से तीन साल तक राजस्थान पुलिस की सुरक्षा एजेंसियों और दिल्ली पुलिस की टीमों ने राजस्थान में छह जिलों में छापे मारे थे। इन जिलों में जोधपुर , सीकर, नागौर, सवाई माधोपुर और कोटा ? के नाम प्रमुख हैं। इन शहरों से जांच एजेंसियों ने सिमी से ताल्लुक रखने वाले तीस संदिग्धों को अरेस्ट किया था। इनसे पूछताछ में खुलासा हुआ कि इनमें से ज्यादातर को बम बनाने और बम को प्लांट करने की ट्रेनिंग दी गई थी। बम बनाने की ट्रेनिंग देने के लिए तौकीर के साथ ही यासीन भटकल भी राजस्थान आता था। यासीन भटकल को कुछ समय पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। आखिर तौकीर को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब है कि जयपुर बम धमाकों के ग्यारह आरोपियों में से चार को ही फिलहाल सुरक्षा एजेंसियां पकड़ सकी हैं। दो की मौत हो चुकी है और अन्य पांच की तलाश जारी है।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के एक अधिकारी ने बताया कि 2008 में इंदौर में सिमी के महासचिव सफदर नागौरी की गिरफ्तारी के बाद कुरैशी का सिमी में कद बढ़ गया था। कुरैशी का नाम सबसे वांछित लोगों की सूची में पहली बार तब शामिल हुआ जब आईएम ने 2007 व 2008 में यूपी, जयपुर, अहमदाबाद और दिल्ली में धमाके किए। कुरैशी दुनिया के टॉप बॉम्बर्स में शुमार था। सिमी-आईएम में उसे सिंगर और भारत के ओसामा बिन लादेन नाम से भी जाना जाता था।
कासिम, जाकिर, कैब व तौकीर नाम से भी कुख्यात है। जगह बदलने में माहिर था। वह खंडवा-जबलपुर आता-जाता रहता था। कुछ वक्तसऊदी अरब भी रहा था। आईटी इंजीनियर से बना बम एक्सपर्ट
कुरैशी बेंगलूरु, हैदराबाद की कई प्रतिष्ठित आईटी कंपनियों में बतौर इंजीनियर काम कर चुका है। शांत सा दिखने वाला कुरैशी 1998 में सिमी से जुड़ा। कुरैशी ने बाद में सिमी के लिए रकम जुटाने का काम किया। वहीं, आईएम में रहते हुए कुरैशी ने बम बनाना सीखा और कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया।
जांच एजेंसियों का मानना है कि कुरैशी आतंकी संदेश वाले ईमेल विंग की कमान संभालता था। उसका काम युवाओं को आतंकवाद के लिए बहकाना था। वह एक जगह पर ज्यादा दिन नहीं टिकता था। जांचकर्ताओं की मानें तो उसे सादिक इसरार ने जिहाद के रास्ते पर चलने के लिए बहकाया था। इसरार आईएम का सह संस्थापक था। उसे पुलिस ने हैदराबाद में गिरफ्तार किया था।
खुफिया इनपुट के बाद कुरैशी को दिल्ली के गाजीपुर इलाके से शनिवार रात को पिस्टल और कारतूस के साथ पकड़ा गया। उसे 14 दिन की रिमांड पर लिया गया है।
56 लोगों की मौत का गुनहगार
26/07/2008 को अहमदाबाद में 70 मिनट में इंडियन मुजाहिद्दीन और हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी ने सिलसिलेवार 21 बम धमाके किए थे। इसमें 56 लोग मारे गए थे जबकि 240 लोग घायल हुए थे। अब तक 82 आरोपी पकड़े गए हैं, जबकि 10 आरोपी पुलिस की गिरफ्त से अब भी बाहर हैं। इनमें मुख्य आरोपी कुरैशी भी शामिल था।