राजधानी में बीते 3-4 माह से काम की गति गति बेहद धीमी है और नए कामों का टेंडर भी आचार संहिता की वजह से नहीं हो पाया है। इतना ही नहीं, जो निर्माण कार्य अभी चल रहे हैं, उनका तय समय से खत्म न कर पाना भी रैंकिंग पर प्रतिकूल असर डालता है। स्मार्ट सिटी के सीईओ आलोक रंजन को रैंकिंग की जानकारी ही नहीं है।
आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने 100 शहरों के बीच रेटिंग की। रेटिंग के दौरान वैल्यू ऑफ टेंडर इश्यू, वैल्यू ऑफ वर्क ऑर्डर, वैल्यू ऑफ वर्क कम्प्लीट और वैल्यू ऑफ यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट को देखते हुए सूची बनाई।
किशनपोल बाजार में स्मार्ट रोड बनाने का काम चल रहा है। आठ माह से निर्माण कार्य चल रहा है। जबकि जब यहां पर काम शुरू हुआ था तो तीन से चार माह में काम पूरा करने की बात स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने कही थी। लेकिन उसे पूरा नहीं कर पाए। इसके अलावा अभी चांदपोल बाजार में भी निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। यहां पर दिन भर लोग परेशान रहते हैं। परकोटा के नौ बाजारों में फसाड वर्क और लाइटिंग का काम जरूर हो चुका है।