scriptखुलासा: जयपुर में मरीजों को लगा दिए 750 नकली रेमडेसिवर इंजेक्शन, डॉक्टर सहित चार गिरफ्तार | Jaipur crime news: 750 fake remdesivir injection used in patients | Patrika News
जयपुर

खुलासा: जयपुर में मरीजों को लगा दिए 750 नकली रेमडेसिवर इंजेक्शन, डॉक्टर सहित चार गिरफ्तार

मरीजों की जान से खिलवाड़ : औषधी नियंत्रक लेबोट्री ने जांच के बाद बताया नकली, कोतवाली थाना पुलिस पंजाब निवासी सरगना की तलाश में जुटी

जयपुरJun 17, 2021 / 09:12 pm

pushpendra shekhawat

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मुकेश शर्मा / जयपुर। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार के दौरान पंजाब और गुडगांव के गिरोह ने जयपुर में 750 नकली रेमडेसिवर इंजेक्शन बेचकर लोगों की जान से खिलवाड़ किया। औषधी नियंत्रक लेबोट्री की रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ। कोतवाली थाना पुलिस अब पंजाब निवासी सरगना की तलाश में जुटी है। एसीपी मेघचंद मीना ने बताया कि पुलिस अब कालाबाजारी के दर्ज मामले में नकली औषधी के संबंध में धाराएं लगाएगी।
गौरतलब है कि कोतवाली थाना पुलिस ने फिल्म कॉलोनी स्थित दक्ष डिस्ट्रीब्यूटर के मालिक रामवतार यादव को महंगे दाम पर रेमडेसिवर इंजेक्शन बेचते पकड़ा है। आरोपी की फर्म से एक इंजेक्शन बरामद किया। उक्त इंजेक्शन 24 मई को लेबोट्री में जांच के लिए भेजा था। आरोपी रामावतार यादव की निशानदेही से शंकर सैनी और विक्रम गुर्जर को पकड़ा। आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि गुडगांव के डॉ. जितेश अरोड़ा से रेमडेसिवर इंजेक्शन इंजेक्शन लेकर आते थे।

1000 रुपए में लाते 30 से 35 हजार रुपए में बेचते

अनुसंधान अधिकारी हेमंत ने बताया कि गिरोह ने पूछताछ में बताया कि आरोपी डॉ. जितेश अरोड़ा से 2200 रुपए एमआरपी का इंजेक्शन 1000 रुपए में लेकर आते और उसे जयपुर में 30 से 35 हजार रुपए में मरीजों के परिजन को बेचते थे। पूछताछ में आरोपी डॉ. जितेश अरोड़ा ने बताया कि पंजाब के एक बड़े रसूखदार उक्त रेमडेसिवर इंजेक्शन की सप्लाई गुडगांव और देश के अन्य हिस्से में बेचे हैं।
अपनों की जान बचाने महंगे दाम पर खरीदते

कोरोना संक्रमण से देश और प्रदेश में एक के बाद एक मौत होने लगी। लोगों में यह बात फैल गई कि जान बचाने में रेमडेसिवर इंजेक्शन कारगर है। सरकारी हॉस्पिटल के अलावा उक्त इंजेक्शन निजी हॉस्पिटल में भी नहीं मिल रहा था। तभी कालाबाजारी करने वाले गिरोह ने नकली इंजेक्शन को रेमडेसिवर बताकर 30 से 35 हजार रुपए में बेचे। उक्त इंजेक्शन नहीं मिल रहा था, तब लोग गिरोह के चंगुल में फंसकर खरीद रहे थे।
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