डीसीपी राहुल जैन ने बताया कि आरोपी जब 8वीं कक्षा में पढ़ता था, तभी सहपाठी छात्रा को अश्लील सामग्री का पर्सल भेजा था। पकड़ा जाने पर प्रोफेसर पिता ने बेटे को बचा लिया। इससे बेटे की शह और बढ़ गई। पूछताछ में बताया कि सहपाठी छात्रा पढ़ाई में पकड़े गए छात्र से भी अच्छी थी। छात्रा का ध्यान बंटाने के लिए ऐसी करतूत की थी। हालांकि आरोपी छात्र के दसवीं में अच्छे अंक आए थे। हाल ही 12वीं कक्षा 97 प्रतिशत अंकों से पास की है। आरोपी के परिवार में पढ़ाई का माहौल है और उसका बड़ा भाई भी पढऩे में अव्वल है। इतना ही नहीं, आरोपी जेईई और आइआइटी की कोचिंग कर रहा है। नामी कोचिंग में ऑल इंडिया स्तर के हर टेस्ट में टॉप फाइव छात्रों में शामिल रहा है। पढ़ाई और तकनीकी ज्ञान को गलत दिशा में लगा दिया।
ताकि पकड़ में नहीं आए 17 वर्षीय नाबालिग छात्र तकनीकी का इतना जानकार है कि उसे पकडऩा असंभव था। छात्र ने घर के इंटरनेट की बजाय पिता के कालेज के वायफाई कनक्शन से स्फूकिंग कॉल किए। डीसीपी राहुल जैन ने बताया कि इंटरनेट और तकनीकी का जानकार होने पर विदेशी सर्वर के जरिए स्फूकिंग कॉल कर रहा था। जयपुर में एक महिला प्रोफेसर को पार्सल भेजा, तब पार्सल बुकिंग के आइपी एड्रेस के जरिए उस तक पहुंचा गया।
पार्सल नहीं भेजता, तो क्या होता अन्य प्रोफेसर का पुलिस हाल ही राजस्थान विश्वविद्यालय में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हरियाणा के एक प्रोफेसर को शक की निगाह से देख रही थी। पुलिस की एक टीम उक्त प्रोफेसर के पीछे लगा दी गई। हालांकि प्रोफेसर को उठाने से पहले नाबालिग छात्र ने महिला प्रोफेसर को पार्सल भेज दिया और पार्सल के जरिए उस तक पहुंचा गया। अब पुलिसकर्मी चर्चा करते हैं, पार्सल नहीं आता तो उक्त प्रोफेसर का क्या होता?
बैग में मिली पर्ची से सबक सिखाना चाहता था छात्र ने बताया कि उसके बैग में एक पर्ची मिली, जिस पर लिखा था ‘लूजर’, यह देख अंदर ही अंदर घुटने लगा और तय कर लिया अब मैं दिखाता हूं कि मैं क्या हूं। उसने वेबसाइट के जरिए महिला प्राफेसर के पते, मोबाइल नंबर और फोटो तक उपलब्ध हो गए थे।