गौरतलब है कि एसीबी ने 29 अगस्त 2013 को महेश चन्द्र को राजेन्द्र प्रसाद सैनी से आरएजी अस्पताल के लिए 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद एसीबी ने आरोपित के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज किया था। उस दौरान एसीबी की ओर से पेश 3900 से ज्यादा पेज के चालान में बताया कि 28 साल की नौकरी में शर्मा ने 44 लाख का वेतन पाया और 14 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जमा कर ली। एसीबी के अनुसार यह तमाम संपत्ति अर्जित आय से 372.18 फीसदी ज्यादा है।
उस समय एसीबी की जांच में शर्मा और उसके परिवार की राज्य के 26 नर्सिंग कॉलेजों में पार्टनरशिप का खुलासा हुआ था। एसीपी ने कहा था कि शर्मा के बचने के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण अफसर और नेताओं से उसके अच्छे संपर्क थे। एसीबी की मानें तो उसकी गिरफ्तारी के समय भी कुछ नेताओं के फोन आए थे। उस समय जांच में शर्मा के बैंक खातों में 30 लाख की नकदी और लॉकर में 16 लाख के ज्वैलरी मिली थी।