पुलिस कैसे जांच करती है जरा जानिए आप आस माेहम्मद ने झोटवाड़ा सर्किल और पश्चिम जिले के अन्य पुलिस थानाें में दर्ज मुकदमाें के अनुसंधान के दाैरान फाइलाें में भारी अनियमितताएं की हैं। जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने एसीबी की कार्रवाई के बाद आस मोहम्मद द्वारा अनुसंधान की गई 267 फाइलाें की स्क्रूटनी की है। सत्यापन में सामने आया कि एसीपी आस माेहम्मद ने करीब 88 आपराधिक मामलाें में गलत अनुसंधान करके एक पक्ष का फायदा पहुंचाया है। आस माेहम्मद ने मिलीभगत करके अधिकत्तर मामलाें में बिना साक्ष्याें के ही लाेगाें को आराेपी मान लिया। और फिर खुद के स्तर पर ही प्रकरण में एफआर लगाकर मामले काे निपटा दिया।
आस माेहम्मद जून 2016 में एसीपी झाेटवाड़ा लगे थे। जून 2016 से फरवरी 2019 तक एसीबी की कार्रवाई से पहले आस माेहम्मद ने करीब 268 फाइलाें का अनुसंधान किया था। जिनमें से आधे में एफआर लगाई थी। इनमें ज्यादातर जमीनी विवाद से जुड़े प्रकरण हैं।
इसमें खास बात यह है कि तब आस माेहम्मद द्वारा किए गए मुकदमाें के अनुसंधान काे कमिश्नरेट के आला अधिकारियाें ने सही माना था। ऐसे में कमिश्नरेट के तत्कालीन पुलिस अधिकारियाें की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हाेने लगे हैं।
इसमें खास बात यह है कि तब आस माेहम्मद द्वारा किए गए मुकदमाें के अनुसंधान काे कमिश्नरेट के आला अधिकारियाें ने सही माना था। ऐसे में कमिश्नरेट के तत्कालीन पुलिस अधिकारियाें की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हाेने लगे हैं।