सीआइडी के मुताबिक, 22 वर्ष की उम्र में मीना कुमारी ने जयपुर में संजय बाजार में शिकारियों का मोहल्ला निवासी मोहम्मद शफीक कुरैशी से वर्ष 2002 में प्रेम विवाह कर लिया। इसके बाद पति की मदद से फर्जीवाड़ा कर राशन कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता परवीन बानो के नाम से बना लिया। मीना कुमारी ने अपना नाम बदल लिया और बिना वीजा और भारतीय नागरिता मिले बिना यहां रह रही है।
सीआइडी ने यह दर्ज करवाया एफआइआर में सीआइडी के पुलिस अधीक्षक शांतनु कुमार ने रामगंज थाने में 22 नवम्बर को एफआइआर दर्ज करवाई। रिपोर्ट में बताया कि 19 नवम्बर 1983 में मीना कुमारी अपनी माता रूकमनी और पिता रूपचंद के साथ बीजा पर अमृतसर में अटारी सीमा से भारत आई। 23 अगस्त 1983 को जयपुर आ गई। यहां उसके पांच अन्य भाई-बहन साथ थे। सभी का एक साथ वीजा पत्र था और वीजा अवधि समाप्त होने पर वीजा वृद्धि के लिए सभी ने एक साथ आवेदन किया था। उसके माता-पिता की मौत हो गई और भाई-बहन भी यहां पर किसी जगह रहने लगे। मीना कुमारी ने 2002 में शिकारियों का मोहल्ला निवासी मो. शफीक कुरैशी से प्रेम विवाह कर नाम परवीन बानो रख लिया। भारतीय नागरिता के लिए आवेदन कर रखा है, जो केन्द्रीय गृह मंत्रालय में लंबित है।
भारतीय दस्तावेजों में पति नाम गलत लिखा सीआइडी ने बताया कि मीना कुमारी का अब पता चला तो उसकी जानकारी जुटाई। उसने पति के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा कर बनाए गए भारतीय मतदाता पहचान पत्र व आधार कार्ड में पति या पिता का नाम फरीद कुरैशी लिखवाया। जबकि उसके पिता का नाम रूपचंद और पति का नाम मो. शफीक कुरैशी है। फर्जीवाड़ा कर बनाए गए दस्तावेजों में मीना कुमारी ने अपनी जन्म दिनांक एक जनवरी 1986 लिखवाई है, जबकि उसकी जन्म दिनांक एक जनवरी 1980 है।
इन धाराओं में किया मामला दर्ज पुलिस ने धारा 420, 467, 468, 471, 120बी आइपीसी व 5/14 विदेशियो विषयक अधिनियम 1946 में मामला दर्ज किया।