केस- 1 सुमेर नगर में ऐसे कुछ लोगों को ठगा गया। यहां पिछले वर्ष नया कनेक्शन लेेने के लिए सहायक अभियंता कार्यलय पहुंचे, जहां एक कर्मचारी ने कनेक्शन की फाइल बनवाई और निर्धारित शुल्क ले लिया। संबंधित व्यक्तियों को एक-दो दिन में कनेक्शन करने के लिए कहा और अगले दिन कनेक्शन हो भी गया। कुछ माह बाद भी बिल नहीं आया तो प्रभावित लोग कार्यालय पहुंचे तो उन्हें जल्द बिल आने का आश्वासन दिया जाता रहा। एक साल बाद भी यही स्थिति बनी रही तो फिर अभियंता से मिले। इसके बाद पता किया तो कनेक्शन की फाइल ही नहीं बनना सामने आया। इसके तत्काल बाद कनेक्शन काट दिया गया और बिजली चोरी का केस और बना दिया।
केस- 2
मुहाना रोड पर गुलाब विहार कॉलोनी में भी इसी तरह का मामला सामने आ रहा है। यहां भी एक व्यक्ति को इसी तरह ठगकर चोर ठहराने की कोशिश की गई। प्रभावित रामकिशन यादव ने कनेक्शन के लिए आवेदन किया, लेकिन 4 माह तक सुनवाई नहीं हुई। प्रभावित ने कई चक्कर लगाए और उच्च स्तर पर बात करने के लिए कहा तो कर्मचारी सकते में आया। दो ही दिन में कनेक्शन हो गया तो उपभोक्ता भी शांत रहा। लेकिन बिल नहीं आया तो फिर मामला खुला।
अब एक्सईएन हुए सक्रिय, दर्ज होगा मामला मामले का खुलासा होने के बाद एक्सईएन के पांव तले जमीन खिसक गई। कथित कर्मचारियों और अन्य लोगों के शामिल होने की हकीकत पता करने के लिए सहायक अभियंता सियाराम कोली को तत्काल जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा है। जल्द ही मामला दर्ज कराने की भी तैयारी है।
यूं बढ़ गई बिजली की छीजत.. -जयपुर, जोधपुर व अजमेर तीनों ही डिस्कॉम बिजली चोरी-दुरुपयोग बढ़ गया है। पिछले वर्ष की तुलना अब तक डिस्कॉम में चोरी-दुरुपयोग में जा रही बिजली का ग्राफ करीब 9 प्रतिशत बढ़कर 29 फीसदी तक पहुंच गया है।
-जयपुर डिस्कॉम में पिछले वर्ष छीजत 20.15 प्रतिशत रही जो इस बार अप्रेल में 29.03 फीसदी पहुंच गई। जयपुर डिस्कॉम में इस वर्ष अप्रेल में 25047 लाख यूनिट बिजली का उपभोग हुआ, जबकि बिलिंग 17776 लाख यूनिट की ही हुई। यानि, 7271 लाख यूनिट बिजली चोरी और दुरुपयोग हुआ।
इन मामले में सहायक अभियंता से जांच रिपोर्ट मांगी है। कथित कर्मचारियों की लिप्तता सामने आती है तो सख्त एक्शन होगा। मामला भी दर्ज करवा रहे हैं। -आर.के. मीना, अधिशासी अभियंता, जयपुर डिस्कॉम