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जयपुर // लुभाने के लिए रावण में किए जा रहे कई बदलाव

विजयादशमी (Vijayadashami Festival) का उत्साह व उल्लास शहर में नजर आने लगा हैं। दशहरा (Dussehra) पर रावण दहन को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है। शहर (Jaipur) में रावण (Ravan) व कुंभकरण (kumbhakaran) के पुतले तैयार करने में करीब 200 परिवार जुटे हुए हैं, अकेले रावण मंडी (Ravan Mandi) में ही 150 परिवार रावण के पुतले तैयार कर रहे हैं। वहीं आदर्श नगर, शास्त्री नगर, मानसरोवर, प्रतापनगर, राजापार्क सहित कई जगहों पर रावण के पुतले तैयार किए जा रहे हैं।

जयपुरOct 06, 2019 / 06:41 pm

Girraj Sharma

लुभाने के लिए पुतलों में किए जा रहे कई बदलाव

लुभाने के लिए पुतलों में किए जा रहे कई बदलाव

लुभाने के लिए रावण में किए जा रहे कई बदलाव

मानसरोवर मेट्रो स्टेशन के पास है सबसे बड़ी रावण मंडी
तीन माह से रावण के पुतले तैयार करने में जुटे 150 परिवार
इस बार आधे भी तैयार नहीं हुए रावण के पुतले


जयपुर। विजयादशमी (Vijayadashami Festival) का उत्साह व उल्लास शहर में नजर आने लगा हैं। दशहरा (Dussehra) पर रावण दहन को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है। शहर (Jaipur) में रावण (Ravan) व कुंभकरण (kumbhakaran) के पुतले तैयार करने में करीब 200 परिवार जुटे हुए हैं, अकेले रावण मंडी (Ravan Mandi) में ही 150 परिवार रावण के पुतले तैयार कर रहे हैं। वहीं आदर्श नगर, शास्त्री नगर, मानसरोवर, प्रतापनगर, राजापार्क सहित कई जगहों पर रावण के पुतले तैयार किए जा रहे हैं।

मानसरोवर मेट्रो स्टेशन के पास लगने वाली रावण मंडी में करीब 150 परिवार पिछले तीन माह से रावण व कुंभकरण के पुतले तैयार करने में जुटे हुए हैं। हालांकि पिछले सालों के मुकाबले इस बार मंडी में रावण के पुतले आधे भी नजर नहीं आ रहे हैं। रावण मंडी में सांचौर, गुजरात, बीकानेर, जोधपुर सहित अन्य जगहों के कारीगर रावण और कुंभकरण बनाने में लगे हुए हैं। रावण मंडी के अध्यक्ष जगदीश जोगी ने बताया कि इस बार महंगाई के साथ मौसम की मार भी रावण पर पड़ी है। बारिश के कारण बांस, लकड़ी, रस्सी, सूत, रंग आदि महंगे हो गए हैं। इसके चलते इस बार रावण व कुंभकरण के पुतले पिछले सालों की मुकाबले आधे भी तैयार नहीं किए गए हैं। पिछले सालों में यहां 8 से 10 हजार रावण व कुंभकरण के पुतले तैयार होते थे, वहीं इस साल इनकी संख्या घटकर आधी रही रह गई हैं। हालांकि रावण के दाम इस बार डेढ़ गुणा तक बढ़ गए हैं। इसके चलते इस बार रावण मंडी में ऑर्डर भी कम हो गए हैं। रावण मंडी में इस बार रावण 100 रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक बिक रहे रहे हैं। छोटे पुतले 100 रुपए से लेकर 20 हजार तक बिक रहे हैं। कारीगर ऑर्डर से भी रावण के पुतले तैयार कर रहे हैं। जयपुर के अलावा मुंबई, गंगापुर, कोटा सहित अन्य शहरों में यहां से रावण बनाकर भेजे जा रहे हैं। 70 फीट से ऊंचे रावण के पुतले एक से 2 लाख रुपए तक में तैयार हो रहे हैं।
तकनीक के इस दौर में रावण व कुंभकरण के पुतलों में कई नए प्रयोग भी किए जा रहे हैं। इकोफ्रेंडली रावण तैयार करने के साथ लोगों को आकर्षित करने के लिए कई बदलाव भी किए जा रहे हैं। रावण बनाने के लिए मुलतानी मिट्टी और केमिकल भी काम में लिया जा रहा है, जिससे रावण काफी देर तक जलेगा और पटाखों की धुंआ भी कम निकलेगी। इसके अलावा रावण के पुतले हाथ-पैर और गर्दन हिलाते हुए नजर आएंगे। रावण की मूछ भी लम्बी बनाई जा रही है। इस बार मुकुट को आकर्षक रूप दिया जा रहा है।

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