जानकारी के अनुसार दिसम्बर 2019 में टाटा कंपनी और जेसीटीएसएल के बीच जयपुर में 100 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का करार हुआ था। जयपुर में इलेक्ट्रिक बस चलाने के लिए प्रति किलोमीटर 66.50 रूपए भुगतान की बात भी तय हो गई। इसके बाद टाटा कंपनी ने कुछ तकनीकी कारणों का हवाला देकर इलेक्ट्रिक बस चलाने की प्रक्रिया में देरी की। अब टाटा कंपनी तो इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए तैयार हो गई है। लेकिन जेसीटीएसएल के पास इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए पैसे नहीं है। जेसीटीएसएल प्रबंधन ने इलेक्ट्रिक बसों के लिए वित्तीय सहायता देने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवा रखा है। अब तक राज्य सरकार से अनुमति नहीं मिली है, इसके कारण इलेक्ट्रिक बसों का संचालन अटक गया है।
फरवरी-मार्च में मिलनी थी पहली E-Bus
जेसीटीएसएल और टाटा कंपनी के एग्रीमेंट के मुताबिक इलेक्ट्रिक बसें चलाने वाली ठेकेदार कंपनी को एक साल में सभी 100 बसों का संचालन शुरू करना है। टाटा कंपनी को पहले 6 महीने में 50 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू करना था। कार्यादेश जारी करने के बाद टाटा कंपनी 90 दिन में प्रोटोटाइप डिजाइन देना था, जो कंपनी ने अब तक नहीं दिया है। टाटा कंपनी को फरवरी—मार्च में ट्रायल के तौर पर जयपुर में इलेक्ट्रिक बस का संचालन करना था। ट्रायल सफल रहने पर अप्रैल में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू होना है, अब मुश्किल नजर आ रहा है।
जेसीटीएसएल और टाटा कंपनी के एग्रीमेंट के मुताबिक इलेक्ट्रिक बसें चलाने वाली ठेकेदार कंपनी को एक साल में सभी 100 बसों का संचालन शुरू करना है। टाटा कंपनी को पहले 6 महीने में 50 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू करना था। कार्यादेश जारी करने के बाद टाटा कंपनी 90 दिन में प्रोटोटाइप डिजाइन देना था, जो कंपनी ने अब तक नहीं दिया है। टाटा कंपनी को फरवरी—मार्च में ट्रायल के तौर पर जयपुर में इलेक्ट्रिक बस का संचालन करना था। ट्रायल सफल रहने पर अप्रैल में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू होना है, अब मुश्किल नजर आ रहा है।
सबकुछ हो चुका है तय
जेसीटीएसएल और टाटा कंपनी के बीच प्रति किलोमीटर 66.50 रूपए की दर पर सहमति बनी है। जेसीटीएसएल ने टाटा कंपनी को प्रति दिन एक बस को कम से कम 200 किमी चलाने का भरोसा दिलाया है। इस हिसाब से जेसीटीएसएल प्रबंधन प्रति बस रोजाना 13,300 रूपए का भुगतान टाटा कंपनी को करेगा। बसों पर ड्राइवर टाटा मोटर्स के रहेंगे। मेंटीनेंस और सर्विस का काम भी कंपनी का रहेगा। इसके बदले जेसीटीएसएल टाटा मोटर्स को 66.50 रुपए प्रति किलोमीटर का भुगतान करेगी। बसों पर कंडक्टर जेसीटीएसएल के रहेंगे। बसों से आने वाला रेवन्यू जेसीटीएसएल का होगा। गौरतलब है कि जयपुर में इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए आधा दर्जन कंपनियों ने आवेदन किया था। लेकिन टाटा को छोड़कर दूसरी कंपनियों की प्रति किलोमीटर रेट ज्यादा था। दूसरी कंपनियों ने प्रति किलोमीटर 75 से लेकर 95 रूपए तक दरें दी थी। जबकि टाटा कंपनी ने प्रति किलोमीटर 67.75 रूपए की रेट दी। जिसे नेगोशिएशन के बाद 66.50 रुपए प्रति किलोमीटर कर दिया गया।
जेसीटीएसएल और टाटा कंपनी के बीच प्रति किलोमीटर 66.50 रूपए की दर पर सहमति बनी है। जेसीटीएसएल ने टाटा कंपनी को प्रति दिन एक बस को कम से कम 200 किमी चलाने का भरोसा दिलाया है। इस हिसाब से जेसीटीएसएल प्रबंधन प्रति बस रोजाना 13,300 रूपए का भुगतान टाटा कंपनी को करेगा। बसों पर ड्राइवर टाटा मोटर्स के रहेंगे। मेंटीनेंस और सर्विस का काम भी कंपनी का रहेगा। इसके बदले जेसीटीएसएल टाटा मोटर्स को 66.50 रुपए प्रति किलोमीटर का भुगतान करेगी। बसों पर कंडक्टर जेसीटीएसएल के रहेंगे। बसों से आने वाला रेवन्यू जेसीटीएसएल का होगा। गौरतलब है कि जयपुर में इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए आधा दर्जन कंपनियों ने आवेदन किया था। लेकिन टाटा को छोड़कर दूसरी कंपनियों की प्रति किलोमीटर रेट ज्यादा था। दूसरी कंपनियों ने प्रति किलोमीटर 75 से लेकर 95 रूपए तक दरें दी थी। जबकि टाटा कंपनी ने प्रति किलोमीटर 67.75 रूपए की रेट दी। जिसे नेगोशिएशन के बाद 66.50 रुपए प्रति किलोमीटर कर दिया गया।
क्या बोले अधिकारी – इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए राज्य सरकार से आर्थिक सहायता मांगी गई है। जब तक राज्य सरकार से वित्तीय सहायता नहीं मिल जाती, तब तक इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू नहीं हो पाएगा।
वीरेन्द्र जैन, ओएसडी, जेसीटीएसएल
वीरेन्द्र जैन, ओएसडी, जेसीटीएसएल