14 जून को ज्येष्ठाभिषेक
ठाकुरजी को रियासतकालीन चांदी के फव्वारे के बीच जलविहार कराया जा रहा है। वहीं शहर के राधा दामोदरजी, आनंदकृष्ण बिहारीजी सहित अन्य मंदिरों में भी ठाकुरजी को जलविहार कराया जाएगा। इस बीच ठाकुरजी को तरबूज, खरबूज, आम, लिची सहित अन्य रसीले ऋतु फलों का भोग लगाया जा रहा है। गोविंददेवजी मंदिर में ठाकुरजी के जलयात्रा उत्सव 16 मई से शुरू हुआ, जो 14 जून को ज्येष्ठाभिषेक तक चलेगा। राजभोग झांकी के बाद दोपहर 12.30 बजे से 12.45 बजे तक ठाकुरजी को जलयात्रा करवाई जाएगी। जलयात्रा उत्सव के दौरान ठाकुरजी को रियासतकालीन चांदी के फव्वारे के बीच करीब 15 मिनट तक जलविहार कराया जाएगा। झांकी के दौरान सुगंधित जल की धारा प्रवाहित की जाएगी। वहीं ठाकुरजी को झीनी सफेद धोती और दुपट्टा धारण करवाया जाएगा। झांकी के बाद ठाकुरजी को पांच प्रहार के फलों और हलवे-पूड़ी का भोग लगाया जाएगा। शहर के अराध्य गोविंददेवजी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में ठाकुरजी का चंदन श्रृंगार भी किया जाएगा।
गोविन्ददेवजी मंदिर, कब—कब होगा जलयात्रा उत्सव
दिनांक — समय
25 मई — दोपहर 12.30 से 12.45 बजे तक
26 मई एकादशी — शाम 5 बजे से 5.30 बजे तक
29 मई — दोपहर 12.30 से 12.45 बजे तक
30 मई — दोपहर 12.30 से 12.45 बजे तक
एक जून — दोपहर 12.30 से 12.45 बजे तक
चार जून — दोपहर 12.30 से 12.45 बजे तक
9 जून — दोपहर 12.30 से 12.45 बजे तक
11 जून एकादशी — शाम 5 बजे से 5.30 बजे तक
13 जून — दोपहर 12.30 से 12.45 बजे तक
14 जून ज्येष्ठाभिषेक — दोपहर 12.30 बजे से एक बजे तक