इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी दो दिन मनाई जाएगी। स्मार्त 23 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाएंगे, वहीं वैष्णव 24 अगस्त को श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे। हालांकि ज्योतिषियों की मानें तो दोनों ही दिन एक साथ श्रीकृष्ण के जन्म जैसे संयोग इस बार नहीं बन रहे हैं। दोनों ही दिन अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र का संयोग एक साथ नहीं रहेगा। 23 अगस्त को भगवान कृष्ण के जन्म के समय अष्टमी तिथि, वृष लग्न रहेगा। वृष्ण लग्न रात 11.07 बजे से रात 1.04 मिनट तक रहेगा। इस दिन मध्यरात्रि में अष्टमी तो रहेगी, लेकिन रोहिणी नक्षत्र का संयोग नहीं रहेगा। रोहिणी नक्षत्र रात 3 बजकर 47 मिनट पर आएगा, जो 25 को तडक़े 4 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। वहीं 24 अगस्त को मध्यरात्रि में रोहिणी नक्षत्र व वृष लग्न तो रहेगा, लेकिन उस समय अष्टमी का संयोग नहीं रहेगा। इस दिन सुबह 8 बजकर 32 मिनट बाद नवमी तिथि आरंभ हो जाएगी। शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर, पुरानी बस्ती स्थित राधा गोपीनाथजी मंदिर, बनीपार्क स्थित राधादामोदरजी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में 24 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। वहीं 25 को नन्दोत्सव मनाया जाएगा।