हाईकोर्ट ने गुर्जर को 20 फरवरी 2020 से अंतरिम जमानत दे रखी थी। अंतरिम जमानत अर्जी पर सोमवार को सुनवाई के दौरान परिवादी के अधिवक्ता रजनीश गुप्ता ने विरोध करते हुए कहा याचिकाकर्ता आदतन अपराधी है। पुलिसकर्मियों से मारपीट तक के मामले दर्ज रहे हैं। सुनवाई बाद न्यायाधीश एनएस ढढ्ढा ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रकाशचन्द ने बताया कि करौली कोतवाली थाने में पूर्व सभापति राजाराम गुर्जर के खिलाफ परिषद के स्वास्थ्य निरीक्षक मुकेश सैनी ने बंधक बनाकर मारपीट करने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस मामले में राजाराम गुर्जर को जयपुर से कोतवाली थाना पुलिस ने हिरासत में लिया है।
गौरतलब है कि 13 नवम्बर 2019 को सफाई निरीक्षक मुकेश कुमार सैनी ने सभापति राजाराम के खिलाफ मारपीट की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया कि राजाराम ने ठेके के सफाई कर्मियों के बिलों को गलत तरीके से प्रमाणित करने का दवाब बनाया। इस मामले में पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के प्रयास भी किए। इसके बाद से वे भूमिगत हो गए। इस बीच 7 दिसंबर 2019 को स्वायत शासन विभाग ने राजाराम को करौली नगर परिषद सभापति पद से निलंबित कर दिया गया। हालांकि इसी मामले में हाईकोर्ट ने 12 फरवरी को राजाराम को अंतरिम जमानत दे दी थी। नगर परिषद में सफाई ठेके में भ्रष्टाचार के मामले पिछले दिनों खासे चर्चित रहे।
गौरतलब है कि ठेके के सफाई कर्मियों से कमीशन की कथित लेनदेन की शिकायत पर ही सभापति और स्वास्थ्य के बीच 12 नवंबर 2019 को विवाद हुआ था। इसके बाद करीब आठ माह बाद राजाराम को स्वायत्त शासन विभाग ने बहाल किया। जिस पर राजाराम गुर्जर ने एक बार फिर सभापति का कार्यभार ग्रहण किया था।