हेरिटेज इवनिंग की जानकारियां- 26 जनवरी की शाम को अंडर द स्टार्स/हवा महल के अंतर्गत द ट्रोथ- इसमें प्रथम विश्व युद्ध के भय और लड़ाई के माहौल में प्रेम, हानि और त्याग की कहानी दिखाई जाएगी। तो वहीं इसमें फिल्म नाॅयर और ब्लैक एंड व्हाइट फिल्मों से प्रेरित द ट्रोथ में फिल्म और सबटाइटल्स के इस्तेमाल से कहानी कही जाएगी। तस्वीरों, संगीत एवं नृत्य के बीच आंतरिक समन्वय के माध्यम से मर्मस्पर्शी परिदृश्य को सामने लाया जाएगा। जबकि इस टीम का नेतृत्व यूके थिएटर अवार्ड 2016 के विजेता कोरियोग्राफर गैरी क्लार्क करेंगे।
28 जनवरी को दर्शक आमेर किले में एक शानदार शाम का आनंद ले सकते हैं जिसकी शुरुआत उस्ताद कमाल साबरी सारंगी बजाकर करेंगे। बता दें कि उस्ताद साबरी खान सारंगी के दिग्गज साबरी खान के बेटे हैं। पारपंरिक संगीत से जुड़े एक अनोखे परिवार की सातवीं पीढ़ी से ताल्लुक रखने वाले कमाल ने सारंगी में शानदार विविधता का प्रदर्शन किया है। इसके बाद गजल के बादशाह स्वर्गीय
जगजीत सिंह निर्देशक शेखर रावजिवानी द्वारा श्रद्धांजलि दिए जाने के बाद हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी… की प्रस्तुति की जाएगी। सबसे खास बात इस शो का प्रीमियर पहली बार सिंगापुर में एस्प्लेनेड काॅन्सर्ट हाॅल में किया गया, जो स्टैंडिंग ओवेशन के साथ खत्म हुआ। जिसमें जगजीत की कुछ शानदार गज़लें प्रस्तुत हुई।
इनका कहना है- इस दौरान जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के प्रबंध निदेशक ने कहा कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की हेरिटेज इवनिंग में राजस्थान की विरासत का उत्सव मनाया जाएगा और इसकी समृद्ध और स्थापत्य कला से संबंधित विरासत को परफाॅर्मिंग आर्ट के जरिए से प्रस्तुत की जाएगी। उन्होंने बताया कि राजस्थान पर्यटन के सहयोग से 1000 से अधिक वर्षों की भारतीय स्थापत्य कला और विरासत की पृष्ठभूमि में कुछ सर्वश्रेष्ठ संगीत और थिएटर प्रस्तुतियां पेश करेंगे। तो वहीं अगस्त 2017 में अमेरिका दौरा पूरा करने के बाद अब जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2018 के दर्शकों को लुभाने आ रहा है।
गौरतलब है कि धरती पर आयोजित होने वाले ’सबसे बड़े साहित्यिक मेले‘ और ’साहित्यिक कुंभ‘ का दर्जा हासिल कर चुका जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल विचारों का विशाल मेला है। जबकि पिछले एक दशक के दौरान इस मंच पर 2000 वक्ताओं ने शिरकत की। देश-विदेश से आए दस लाख से अधिक पुस्तक प्रेमियों ने इसमें भाग लिया। तो वहीं इसे एक वैश्विक साहित्यिक आयोजन बना डाला। फेस्टिवल के बुनियादी मूल्यों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यह आज भी अपनी मूल भावना में लोकतांत्रिक, गुट-निरपेक्ष मंच बना हुआ है। जो सभी के लिए मुफ्त और निष्पक्ष सुगमता की पेशकश करता है।