बैठक में कुमार प्रशांत ने गांधी जी के जीवन दर्शन के साथ उनके द्वारा किये गये कार्यो के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से गांधी की विरासत एवं स्वतंत्रता संग्राम के मुख्य आंदोलनों को इस म्यूजियम में आभासी तौर पर पुनर्जीवित किया जाना है, जिससे की दर्शक विशेषकर देश की युवा पीढ़ी स्वतंत्रता संग्राम की मुख्य घटनाओं एवं गांधी के जीवन दर्शन एवं मूल्यों का अनुभव कर सके, उन्हें आत्मसात कर सके। स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष से युवाओं में जुडाव पैदा करना भी इस प्रोजेक्ट का एक मुख्य उददेश्य है। इसके साथ ही उन्होंने 1918, 1921, 1930, 1942 चार आंदोलन के बारे में बताया।
गांधी दर्शन म्यूजियम में गांधीजी की विरासत से संबंधित वस्तुओं का प्रत्यक्ष प्रदर्शन किया जाएगा। गांधी के जीवन से जुडे मुख्य आंदोलनों दक्षिणी अफ्रीका में सत्याग्रह प्रयोग, चपांरन आंदोलन, खिलाफत आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन सहित अन्य आंदोलनों को नई तकनीक के जरिए इस तरह से दर्शाया जाएगा, जिससे दर्शक व विशेष तौर पर युवा इन आंदोलनों एवं घटनाओं को अनुभव कर सके एवं म्यूजियम से जुडाव महसूस कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही उन्होंने गांधी जीवन कथा को गांधी वाटिका के किस खण्ड में, किस तरह हमें तैयार करना है, पर विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने बताया कि यह म्यूजियम देश में अपनी तरह का एक ही होगा, इस पर हमें कार्य करना होगा। बैठक में जेडीए आयुक्त रवि जैन, अतिरिक्त आयुक्त विनिता सिंह, निदेशक अभियांत्रिकी देवेंद्र गुप्ता, चीफ कंसलटेंट ए. मृदुल, कंसलटेंट चंद्रशेखर बडवे व कमलिका बोस सहित जेडीए के अधिकारी मौजूद रहे।