मंदिर प्रांगण स्थित जनकपुर में बगीचे के बीच कृतिम झरना बनाया गया, जिसका पूजन सीताजी ने सखियों के साथ किया। इसके बाद झरने की माटी अपने साथ लेकर आई। इस अवसर पर गुड़ चने का विशेष प्रसाद वितरित किया गया। इस दौरान भक्तों ने ‘आज तिलक चढे रघु नंदन के…, श्री राम जी के सौभाग्य तिलक… चलो सखी री पूजन को मटकोर… जैसे पद गायन किए।
उन्होंने बताया कि बुधवार को महोत्सव का मुख्य उत्सव मनाया जाएगा। इसमें जाट के कुएं स्थित हलकारा भवन से श्री ठाकुर जी की बारात सज धज कर मंदिर प्रांगण पहुँचेगी। सबसे आगे पचरंगा पताका लिए हाथी चलता हुआ नजर आएगा, वहीं पीछे घोड़े ऊंट बैंड बाजा लवाजमा आदि के साथ बारात चलेगी। बारात रात 9 बजे मंदिर पहुचेगी। इसके बाद विवाह की रस्में होगी।