श्रमिकों में रोगों के जोखिमों की संवेदनशीलता कम होगी वहीं, स्वास्थ्य शाखा से चिकित्सकों की मानें तो इस कचरे को अलग कर देने से श्रमिकों में स्टेफिलोकोकस, हेपेटाइटिस, ई कोलाई, साल्मोनेला और टाइफाइड आदि जैसे विभिन्न रोगों के जोखिमों के लिए संवेदनशीलता कम कर देता है।
ऐसे होगी शुरुआत शहर के आठ वार्डों में चलने वाले करीब 50 हूपरों में अलग से लाल डब्बा लगाया जाएगा। इसमें सैनेटरी कचरे को डालने के लिए कहा जाएगा। – शहर के वार्ड 21, 24, 35, 43, 45, 61, 84 और 87 से इस कैम्पेन की शुरुआत होगी।
–कैम्पेन शुरु करने से पहले विकास समितियों के साथ मिलकर अभियान चलाया जाएगा। ये करना होगा आपको सैनेटरी कचरे को खुले में फेंकने की बजाय कागज में पैक कर उस पर लाल बिंदी लगानी होगी। कचरे में सफाईकर्मी इस पैकेट को उठाकर अलग से बने बॉक्स में रख देंगे।
शहर के आठ वार्डों से इस अभियान की शुरुआत की जाएगी। इसके लिए दो एनजीओ पहले महिलाओं को घर-घर जाकर अभियान के प्रति जागरुक करेंगे -कविता चौधरी, उपायुक्त स्वास्थ्य, नगर निगम यहां सफल
– पुणे नगर निगम द्वारा रेड डॉट कैम्पेन को बीते दो साल से सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है। – इंदौर नगर निगम ने कचरा संग्रहण की गाड़ियों में अलग से मेडिकल वेस्ट का बॉक्स लगाया है।