अभी यहां पर हैं 398 मोर
वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो यहां अभी 398 मोर हैं। यहां पर दो तीन ऑफिस चलते हैं। ऐसे में कई बार चौकीदार गेट खुले छोड़ देते हैं। इस वजह से कुत्ते अंदर आ जाते हैं।
जानकार मानते हैं कि बारिश में उडऩे की क्षमता कम हो जाती है क्योंकि जब इनके पंख भीग जाते हैं तो ये रïफ्तार से उड़ नहीं सकते। इस वजह से कुत्ते आसानी से शिकार भी कर लेते हैं।
वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो यहां अभी 398 मोर हैं। यहां पर दो तीन ऑफिस चलते हैं। ऐसे में कई बार चौकीदार गेट खुले छोड़ देते हैं। इस वजह से कुत्ते अंदर आ जाते हैं।
जानकार मानते हैं कि बारिश में उडऩे की क्षमता कम हो जाती है क्योंकि जब इनके पंख भीग जाते हैं तो ये रïफ्तार से उड़ नहीं सकते। इस वजह से कुत्ते आसानी से शिकार भी कर लेते हैं।
जेडीए की योजना को वन विभाग की ना
कुछ वर्ष पहले जेडीए ने ग्रास फार्म को विकसित करने के लिए वन विभाग को पत्र लिखा था। जेडीए इसे सेंट्रल पार्क की तरह विकसित करना चाहता था, लेकिन वन विभाग ने इस क्षेत्र को मोरों के लिहाज से सुरक्षित मानते हुए अनुमति नहीं दी थी। आज भी इस क्षेत्र को यथास्थिति में वन विभाग रखे हुए है।
कुछ वर्ष पहले जेडीए ने ग्रास फार्म को विकसित करने के लिए वन विभाग को पत्र लिखा था। जेडीए इसे सेंट्रल पार्क की तरह विकसित करना चाहता था, लेकिन वन विभाग ने इस क्षेत्र को मोरों के लिहाज से सुरक्षित मानते हुए अनुमति नहीं दी थी। आज भी इस क्षेत्र को यथास्थिति में वन विभाग रखे हुए है।
वर्जन—
कुत्तों की जब भी शिकायत आती है तो हम उन्हें पकड़वाकर बाहर भेज देते हैं। यदि कुत्ते वहां पर हैं तो उनको बाहर करवा देंगे।
-अजय चित्तौड़ा, डीएफओ, चिडिय़ाघर