ये है विवाद
—2015 में पीआरएन को लेकर नगरीय विकास विभाग ने अधिसूचना जारी की। इसमें 132 केवी की लाइन के नीचे 45 फीट का सेफ्टी कॉरिडोर और उसके बाद 30—30 फीटस की सड़क के लिए निर्धारित किया जाए।
—220 केवी की हाईटेंशन लाइन के नीचे 60 फीट का सेफ्टी कॉरिडोर और उसके बाद 30—30 फीट सड़क के लिए निर्धारित किया गया।
—इस अधिसूचना के बाद से 20 हजार भूखंडों पर पट्टे की तलवार लटक गई। क्योंकि इनमें से अधिकतर भूखंडों का आकार छोटा होने की स्थिति बन गई।