दरअसल, मई से हैरिटेज नगर निगम ने कम्पनी को एक भी महीने का भुगतान नहीं किया है। जबकि, कम्पनी मई से अब तक 14 करोड़ रुपए से अधिक के बिल दे चुकी है। वहीं, कम्पनी के हूपर न आने से निगम के करीब 150 हूपर शहर के वीआईपी क्षेत्र में ही पहुंचे। हालांकि, बुधवार को हड़ताल होने के बाद निगम अधिकारियों और कम्पनी के कर्मचारियों के बीच कोई बैठक तक नहीं हुई।
जनता के हिस्से में परेशानी
भुगतान न होने से गाड़ियों पर काम करने वाले कर्मचारी हड़ताल पर चले जाते हैं। ऐसे में शहरवासियों के हिस्से में परेशानी आती है। जून में भुगतान को लेकर पूरे शहर में तीन दिन तक हड़ताल रही थी। स्वायत्त शासन विभाग के दखल के बाद इसे खत्म कराया था। सामान्य दिनों की बात करें तो वैसे भी शहर के एक तिहाई वार्डों में हूपर नहीं पहुंचते हैं।