कोरोना संक्रमण के कारण लगाए गए लॉकडाउन के बाद रोजगार खत्म होने से लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया। ऐसे में फीस भरना तो दूर की बात अभिभावकों को अपने परिवार का पालन-पोषण करना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसे में बच्चों से स्कूल फीस मांगना गलत है।
प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि संयुक्त अभिभावक समिति की ओर से व्यापारियों और अभिभावकों की परिस्थितयों को ध्यान में रखकर 5 घंटे का स्वेच्छिक एवं सांकेतिक राजस्थान बन्द का आह्वान किया था जिसको प्रदेशभर के सभी व्यापारियों, जनप्रतिनिधियों, दुकानदारों और समाज सेवी संगठनों ने पूरा समर्थन दिया और इतिहास में पहली बार स्कूल फीस के मुद्दे पर कोई राज्य बन्द हुआ है। प्रतिष्ठान बंद रखने के साथ ही विद्यार्थियों ने स्कूलों द्वारा संचालित ऑनलाइन क्लास का भी पूरी तरह बहिष्कार किया। जयपुर के अलावा किशनगढ़, ब्यावर, अजमेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, जोधपुर, चितौड़गढ़, टोंक, झालावाड़, भरतपुर, दौसा, सीकर, फतेहपुर शेखावाटी सहित कई शहरों में व्यापारियों व अभिभावकों ने अपना समर्थन दिया है।
संयोजक सुशील शर्मा ने बताया करीब 450 व्यापार मंडलो, सामाजिक संगठनों, समाज सेवियो ने स्वेच्छिक बंद को अपना समर्थन दिया। जब तक सरकार अभिभावकों की बात नही सुनती है तब तक संघर्ष जारी रहेगा।