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Ground Report: सरकार राहत दे तो 100 से अधिक कॉलोनियों में 20 हज़ार पट्टों की खुले राह

locationजयपुरPublished: Sep 17, 2021 06:48:45 am

Submitted by:

Ashwani Kumar

अभी स्थिति ये: मौजूदा नियमों से यदि पट्टे लिए जाएं तो मौके पर 30 फीसदी भूखंड ही नहीं बचेंगे

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जयपुर। राजधानी के पृथ्वीराज नगर क्षेत्र में 20 हजार से अधिक भूखंडधारियों को पट्टों का इंतजार है। ये भूखंड हाईटेंशन लाइन से प्रभावित हैं। इनमें से अधिकतर भूखंड पृथ्वीराज नगर उत्तर में आते हैं। ऐसे में यदि सरकार कोई निर्णय ले तो इनको प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे मिल सकते हैं। मौजूदा नियमों से यदि लोगों ने पट्टे लिए तो करीब 20 फीसदी भूखंड मौके पर बचेंगे ही नहीं। साथ ही 30 फीसदी भूखंडों की आधी से ज्यादा जमीन चली जाएगी। यही वजह है कि लम्बे समय से यहां की कॉलोनियों के लोग 60 फीट और 80 फीट की रोड पर पट्टे जारी करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन इसका फैसला राज्य सरकार को लेना है। इसी वजह से जेडीए कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
दरअसल, पृथ्वीराज नगर उत्तर का क्षेत्र सर्वाधिक हाईटेंशन से प्रभावित इलाका है। अव्यवस्थित विकास ने जेडीए की मुसीबत और बढ़ा दी है। जगदम्बा नगर, रजनी विहार, निम्बार्क नगर, सुमन विहार, जानकी विहार, शालीमार बाग विस्तार, हनुमान वाटिका, हीरा नगर, जगदीश पुरी, द्रोणपुरी, गोविंद नगर, कान्हा विहार, धाबास के अलावा गांधी पथ पश्चिम, पांच्यावाला, सिरसी रोड के आसपास की कॉलोनियों में कई हाईटेंशन लाइन गुजरी हैं। ऐेसे में जो राज्य सरकार ने नियम बनाए हैं, उसके अनुसार पट्टे जारी नहीं हो सकते। इसी वजह से लोग नियमों में बदलाव की मांग कर रहे हैं।
इनके पास विद्युत कनेक्शन भी नहीं
पृथ्वीराज नगर में बिना पट्टे के विद्युत कनेक्शन पर रोक है। 2013 से उच्च न्यायालय के आदेश के बाद यह रोक लगी हुई है। जगदम्बा नगर विकास समिति के अध्यक्ष अनिल माथुर ने इस मामले में नगरीय विकास विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर इस रोक को हटाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि जेवीवीएनएल की ओर से पहले ही रोक हटाने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया जा चुका है।

एक शहर में दो नियम
—पृथ्वीराज नगर में पट्टे जारी करने के लिए नगरीय विकास विभाग ने तीन फरवरी 2015 को अधिसूचना जारी की। इसके अनुसार 132 किलोवाट लाइन के नीचे 45 फीट का सेफ्टी कॉरिडोर और दोनों और 30—30 फीट की सड़क का प्रावधान है। वहीं, 220 किलोवाट की हाईटेंशन लाइन के नीचे 60 फीट का सेफ्टी कॉरिडोर के बाद 30—30 फीट सड़क का प्रावधान है। ऐसे में 105 और 120 फीट की रोड पर पट्टे दिए जा रहे हैं। इस नियम से कई लोगों के भूखंड तक नहीं बच रहे हैं। जबकि, मौके पर कई लोगों ने मकान बना रखे हैं।
—चित्रकूट में 80 फीट की रोड पर पट्टे जारी किए गए हैं। इसी में 10 फीट का सेफ्टी कॉरिडोर भी है। वहीं, विद्वुत नगर में 60 फीट की रोड पर पट्टे जारी किए हैं।
—वहीं, वैशाली नगर, श्याम नगर, राम नगर, मानसरोवर, लाल कोठी सहित अन्य इलाकों में बिना सेफ्टी कॉरिडोर ही नहीं है।
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