नवमी-दशमी एक दिन
नवरात्र के अंतिम दिन नवमी तिथि पर ही दशमी तिथि का संयोग है, इसलिए इसी दिन रावण दहन किया जाएगा। वैसे इसके अगले दिन यानि 26 अक्टूबर को एकादशी के संयोग में दशमी तिथि होने से इस दिन दशहरा पर्व मनाया जा सकता है। हालांकि ज्योतिषियों का मानना है कि शाम के समय में रावण दहन की मान्यता होने से 25 अक्टूबर को नवमी-दशमी तिथि के योग में दशहरा मनाना ही श्रेयस्कर है।
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त नवरात्र स्थापना दिन में कभी भी की जा सकती है। लेकिन चित्रा नक्षत्र को त्याज्य माना गया है, जो कि इस दिन सुबह 11.52 बजे तक है, लेकिन इसके प्रथम दो चरण का त्याग कर घट स्थापना की जा सकती है। ऐसे मे तुला लग्न में सुबह 6.32 से 8.50 बजे तक घट स्थापना करना सबसे श्रेष्ठ रहेगा। इसके अलावा अभिजित मुहूर्त में सुबह 11.51 से दोपहर 12:34 बजे तक तथा द्विस्वभाव लग्न में सुबह 11.51 से 01.13 बजे तक घट स्थापना करना भी उत्तम है। शुभ के चौघडि़या में सुबह 8 से 9.30 बजे तक घट स्थापना की जा सकती है।
9 दिन में बन रहें 11 विशेष योग ज्योतिषाचार्य सुरेश शास्त्री के अनुसार शारदीय नवरात्र के नौ दिन में से सात दिन कोई ना कोई विशेष योग बन रहा है। इन सात दिनों में चार सर्वार्थ सिद्धि योग, दो कुमार योग, एक त्रिपुष्कर योग एवं पांच रवि योग बन रहे हैं। ये योग शुभ कार्य करने व खरीदारी के साथ मां भगवती की आराधना के लिए विशेष फलदायी रहेंगे। शुभ योगों के चलते नवरात्र में वाहन, भूमि, भवन, ज्वेलरी आदि वस्तुओं की खरीदारी के अधिक दिन मिलेंगे, जो समृद्धिदायक रहेगी।
कब कौनसा योग
17 अक्टूबर : सर्वार्थ सिद्धि योग
18 अक्टूबर : त्रिपुष्कर योग
19 अक्टूबर : रवि योग व सर्वार्थ सिद्धि योग
20 अक्टूबर : रवियोग व कुमार योग
21 अक्टूबर : रवि योग व कुमार योग
23 अक्टूबर : सर्वार्थ सिद्धि योग
24 अक्टूबर : रवि योग व सर्वार्थ सिद्धि योग
25 अक्टूबर : रवि योग