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जयपुर

सियासत में उलझा Jaipur का BRTS कॉरिडोर

सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने, दुर्घटना रोकने के लिए नजीर मना था सरकार ने
सियासत ऐसी की न तो बीआरटीएस के टुकड़ों को जोड़ा गया और न ही इसका विकल्प ढूंढा
जेडीए ने मौजूदा कॉरिडोर में ही बसे संचालन के लिए कहा तो ट्रेफिक पुलिस ने जता दी फण्ड की कमी

जयपुरNov 13, 2019 / 11:40 am

Bhavnesh Gupta

सियासत में उलझा Jaipur का BRTS कॉरिडोर

सियासत में उलझा Jaipur का BRTS कॉरिडोर

भवनेश गुप्ता / जयपुर। सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और निजी वाहनों की तुलना में गंतव्य स्थल पर तेजी से पहुंचने के लिए बनाया गया बीआरटीएस (बस रेपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर सियासत की भेंट चढ़ गया। भाजपा की पिछली सरकार ने सीकर रोड पर काम शुरू किया, लेकिन कांग्रेस सरकार में वर्ष 2009 में इसका उद्धाटन हुआ। फिर से भाजपा सरकार आई लेकिन अधूरे कॉरिडोर को पूरा नहीं कर पाई। 7.1 किलोमीटर लम्बे इस कॉरिडोर को न तो आगे बढ़ाया जा सका और न ही इसका विकल्प ढूंढा गया। केवल न्यू सांगानेर रोड के अधूरे काम को पूरा कर जिम्मेदारी पूरी कर ली गई। नतीजा, कॉरिडोर केवल ‘टुकड़ोंÓ तक सीमित होकर रह गया। शहर के दो इलाकों में कॉरिडोर बनाया गया, लेकिन उसे भी कुछ दूरी पर जाकर बीच में ही छोड़ दिया। इसी बीच अब जेडीए और ट्रेफिक पुलिस के बीच ठन गई है। बताया जा रहा है कि जेडीए अधिकारियों ने ट्रेफिक एसपी को साफ कह दिया कि सभी बसों की आवाजाही इसी कॉरिडोर में से हो। अन्य वाहन इसमें गुजरते हुए मिले तो अनिवार्य रूप से उनका चालान हो। कॉरिडोर की बजाय बाहरी हिस्से में से गुजरने वाली बसों का भी चालान करने के लिए कहा गया। लेकिन यातायात पुलिस उपायुक्त ने भी दो टूक जवाब दे दिया कि उनके पास स्टॉफ और संसाधन दोनों की कमी है। इस लिहाज से फण्ड की जयरूरत, जो उपलब्ध होने के बाद ही बेहतर व्यवस्था हो सकेगी। अब मामला यूडीएच और परिवहन विभाग के पास पहुंच गया है।
अभी यहां है कॉरिडोर

-7.1 किलोमीटर लम्बाई में सीकर रोड पर एक्सप्रेस-वे से अम्बाबाड़ी तक कॉरिडोर।

-8 किलोमीटर लम्बाई में अजमेर रोड से किसानधर्म कांटा होते हुए न्यू सांगानेर रोड (बी-2 बायपास तिराहा) तक।
यह टुकड़ा जुड़े तो मिले राहत

13 किलोमीटर का बीच का हिस्सा (अम्बाबाडी से गवर्नमेंट हॉस्टल, अजमेर पुलिया, सोढाला होते हुए पुरानी चूंगी तक) जुड़े तो राहत मिले। इससे 29 किलोमीटर लम्बाई में एक साथ कॉरिडोर में बसें चल सकेंगी। उन्हें अन्य वाहनों के बीच चलने और जाम में फंसने से निजात मिलेगी। इसकी प्लानिंग भी हुई, लेकिन सड़क पर कॉरिडोर के लिए कम जगह का हवाला दे काम नहीं होने दिया।
नेताओं की प्राथमिक सूची से गायब

-सीकर रोड पर एक्सप्रेस-वे से एयरपोर्ट तक कॉरिडोर का दायरा बढ़ाने की प्लानिंग की गई। इसके लिए अम्बाबाड़ी-पानीपेच से एयरपोर्ट तक १८.५ किलोमीटर लम्बाई में रूट तैयार भी किया गया, लेकिन यहां कॉरिडोर के लिए डेडिकेटेड लेन ही तैयार नहीं कर पाए।
-न्यू सांगानेर रोड पर बी-2 बायपास चौराहे तक कॉरिडोर बना है। इसे एयरपोर्ट टर्मिनल 2 और सांगानेर की तरफ करीब ६.९५ किलोमीटर लम्बाई में कॉरिडोर बढ़ाना था। केन्द्र सरकार ने मंजूरी भी दे दी, लेकिन जेएनएनएयूआरम प्रोजेक्ट खत्म होने के बाद ठप। इसके बाद राज्य सरकार ने रूचि नहीं ली।
-मौजूदा सांसद, विधायक, मंत्री किसी ने भी इसमें रूचि नहीं ली।

जनता के लिए बनी आफत

-सीकर रोड पर बीआरटीएस कॉरिडोर बनने से अन्य वाहनों के आवागमन के लिए जगह कम बची। कई प्वांट्स पर जाम की स्थिति बनी रहती है।
-सड़क के एक छोर से दूसरे हिस्से की तरफ जाने के लिए लम्बी दूरी तय करनी पड़ रही। इसका साइड इफेक्ट यह रहा कि लोग रेलिंग तोड़कर बीच में से गुजर रहे। इससे दुर्घटना की आशंका बनी हुई है।
-फुट ओवर ब्रिज बनाने की मांग अब तक पूरी नहीं। जबकि, जेडीए को कई बार प्रस्ताव दिया गया।

-कॉरिडोर में जेसीटीएसएल की पर्याप्त बसें नहीं चलने से खाली पड़ा रहा। नौकरशाहों ने इन बसों की संख्या बढ़ाने की बजाय यहां रोडवेज, लोक परिवहन की बसों के संचालन की अनुमति ही दे दी। जबकि, केन्द्र सरकार की ओर से ऐसे प्रोजेक्ट में यह नहीं किया जा सकता है।

बीआरटीएस कॉरिडोर का पूरा उपयोग, इस आधार पर प्लानिंग की जा रही है। ट्रेफिक पुलिस को भी कहा है कि सभी बसों का संचालन इसी कॉरिडोर में से हो। उन्होंने फण्ड की जरूरत जताई है जिसके लिए ट्रेफिक कंट्रोल बोर्ड ने परिवहन विभाग को प्रस्ताव देने के लिए कहा है। -टी. रविकांत, जेडीसी

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