-शृंगार की वस्तुएं पहनने की आजादी विभाजन के बाद भारतीय सरहद में रह गए सिंधी मुस्लिम परिवारों में अब भी कई रीति रिवाज और परंपराएं हिंदुओं की भांति हैं। इन मुस्लिम परिवारों का पहनावा भी हिंदू महिलाओं की तरह ही है। जहां दुनियाभर में मुस्लिम महिलाओं को शृंगार की वस्तुएं पहनने की आजादी नहीं है, वहीं सरहदी जिले में अब भी मुस्लिम महिलाएं ( MuslimWomen ) हिंदू परिवारों की महिलाओं की भांति सुहाग का प्रतीक चूड़ा पहनती ( wear Suhag emblem ) हैं। ( Jaipur News )
-हाथी दांत…चांदी और प्लास्टिक के चूड़े बाड़मेर जिले के पाकिस्तानी सरहद के समीप बसे सैंकड़ों मुस्लिम बाहुल्य गांवों में मुस्लिम परिवारों में शादीशुदा महिलाओं को सुहाग का प्रतीक चूड़ा पहनना अनिवार्य है। शादी विवाह सगाई तीज त्योहारों पर मुस्लिम महिलाएं हाथी दांत का बना चूड़ा पहनती हैं। धनी परिवार की मुस्लिम महिलाएं चूड़े को चांदी में मढ़वा के भी पहनती हैं। सामान्यत: मुस्लिम परिवार की महिलाएं प्लास्टिक का चूड़ा ही पहनती हैं। इन मुस्लिम परिवारों में चूड़े को लाल रंग से रंगा जाता है। कई महिलाएं बिना रंगे सफेद चूड़ा भी पहनती हैं।
-दुनियां में कहीं भी नहीं… विश्व में कहीं भी मुस्लिम महिलाएं चूड़ा नहीं पहनती, लेकिन पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर जिलों में बसे लाखों मुस्लिम परिवारों में चूड़ा पहना जाता है। देवीकोट गांव के इतिया ने बताया की उनके परिवार में कई पीढिय़ों से महिलाए चूड़ा पहनती आ रही हैं। चूड़े को सुहाग का प्रतीक माना जाता है। इसके पीछे यह विश्वास है कि चूड़ा पहनने से उनके पति दीर्घायु होते हैं और उनके जीवन पर संकट नहीं आता। एक अन्य मुस्लिम महिला सक्खी ने बताया की शुरू से हम लोग हिंदू परिवारों के बीच रहे हैं। ङ्क्षसध में साहू (राजपूत) और मेघवाल परिवारों के बीच रहे आपस में भाईचारा था।
-नाक में नथ, कान में बाले…गले में हंसली अमूमन देश में मुस्लिम महिलाएं आभूषण नहीं पहनती, मगर पश्चिमी राजस्थान के सरहदी इलाकों में मुस्लिम महिलाएं अक्सर चांदी के भारी भरकम आभूषण परंपरागत रूप से पहनती हैं। नाक में नथ, कान में बाले, गले में हंसली, सहित कई पारंपरिक आभूषण पहनती हैं।
-लोक देवी-देवताओं में आस्था…मंदिर में पूजा-अर्चना सरहदी गांवों के मुस्लिम सिंधी स्थानीय हिंदू लोक देवी देवताओं के प्रति न केवल पूरी आस्था रखते हैं, बल्कि मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना भी करते हैं। बच्चों की जात भी करते हैं। मुस्लिम तनोट माता, लोक देवता खेतपाल को पूरी श्रद्धा के साथ पूजते हैं। ङ्क्षहगलाज माता के प्रति भी इनकी प्रगाढ़ आस्था हैं। इसी समुदाय के राज्य सरकार में केबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद ने भगवान शिव का अभिषेक करवाया, वहीं शाले मोहम्मद मंदिरों में पूजा अर्चना करते हैं।